स्पाइरो मीटर से की जाएगी फेफड़ों के इंफेक्शन की जांच
जागरण संवाददाता, उन्नाव : तंबाकू नियंत्रण सेल द्वारा धूमपान से फेफड़ों में होने वाले इंफेक्शन
जागरण संवाददाता, उन्नाव : तंबाकू नियंत्रण सेल द्वारा धूमपान से फेफड़ों में होने वाले इंफेक्शन को नापने के लिए स्पाइरो मीटर की खरीद की जाएगी। इससे अब फेफड़ों के संक्रमण की जांच करने में आसानी होगी।
तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिला अस्पताल में खोली गई तंबाकू नियंत्रण सेल में डाक्टर और काउंसलर तंबाकू उत्पादों के लती लोगों को तंबाकू छोड़ने के लिए प्रेरित करने के साथ ही उपाय भी लोगों को सुझाएंगे।
सेल को जल्द ही स्पाइरो मीटर उपलब्ध कराया जाएगा। इस मशीन की मदद से उन मरीजों की जांच की जाएगी जिनके फेफड़े तंबाकू के लगातार प्रयोग से कमजोर हो जाते हैं। अभी तक टीबी अस्पताल में ही फेफड़ों की जांच हो पाती है। जबकि अन्य मरीजों को कानपुर रेफर कर दिया जाता है। कई सालों तक लगातार तंबाकू के प्रयोग का असर सीधा फेफड़ों पर पड़ता है। तंबाकू के धुएं में निकोटीन और टार जैसे कैंसर पैदा करने वाले तत्व मिले होते हैं। यह तत्व धूमपान करने वाले व्यक्ति पर सीधा असर डालते हैं। तंबाकू के सेवन से सबसे पहले फेफड़े बीमार होते हैं। फेफड़ों पर असर पड़ने से लोगों को सर्दी, खांसी और सीओपीडी (सांस लेने में दिक्कत) जैसी बीमारियां हो जाती हैं। तंबाकू के प्रयोग से बीमार होने वाले लोग जब इलाज के लिए अस्पताल पहुंचते हैं तो उनके फेफड़ों की जांच नहीं हो पाती। ऐसे में मरीजों को सीधे कानपुर रेफर कर दिया जाता है।
हालांकि अब स्वास्थ्य विभाग ने तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत स्पाइरोमीटर मशीन खरीदने का निर्णय लिया है। तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डा. अर्जुन सारंग ने बताया कि जल्द ही स्पाइरो मीटर मशीन और कार्बन मोनो आक्साइड मानीटर की खरीद होगी। इस मशीन को जिला अस्पताल में लगाया जाएगा। यहां फेफड़ों से संबधित मरीजों की जांच होगी।
सेल गठित पर स्टाफ का पता नहीं
तंबाकू नियंत्रण सेल का गठन कर दिया गया है। जिला अस्पताल में सेल का कक्ष भी खुल गया है, लेकिन अभी तक डाक्टर, काउंसलर और स्टाफ की तैनाती नहीं की गई है इससे सेल समुचित ढंग से काम नहीं कर पा रही है। जबकि सेल का काम तंबाकू और उससे बने उत्पादों का सेवन करने वालों को इससे मुक्त रहने के लिए प्रेरित करने के साथ ही चिंगम आदि उपलब्ध कराना है। लेकिन स्टाफ न होने से अभी तक इस पर अमल नहीं किया जा रहा है।
स्टाफ और डाक्टर की तैनाती के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक को पत्र भेजा है। डाक्टर और स्टाफ की तैनाती लखनऊ से ही होनी है। सेल खुल चुकी है लेकिन स्टाफ न होने से सुचारू रूप से काम नहीं हो पा रहा है।
- डा. एसपी चौधरी, सीएमओ