हड़हा में सन्नाटा, मुर्गा-मुर्गी पालकों को मुआवजे की आस
संवाद सूत्र अचलगंज हड़हा गांव स्थित लक्षा तालाब में पांच दशक से रह रही बतखों को बर्ड फ्लू
संवाद सूत्र, अचलगंज: हड़हा गांव स्थित लक्षा तालाब में पांच दशक से रह रही बतखों को बर्ड फ्लू के चलते मारे जाने से गांव की रौनक गायब है। सन्नाटा पसरा हुआ है। शनिवार को पशु पालन टीम ने पहुंच कर ब्लीचिग का छिड़काव कराया। विभाग स्थिति पर नजर रखे है। वहीं दस किमी क्षेत्र में परिदों की सैंपलिग कर परीक्षण के लिए भिजवाई जा रही है। मारे गए निजी मुर्गा-मुर्गी को पालने वालों को मुआवजा दिलाए जाने की प्रक्रिया पूरी कराई जा रही है।
गांव के सीता शरण मिश्र, लल्लन यादव, राम सागर तिवारी, अकबर अहमद व बन्ने बतखों को हड़हा की पहचान मानते हैं। ग्रामीण बताते है पांच दशक पूर्व गांव में नर-मादा का जोड़ा आया था। यह उसी परिवार का विस्तार है। गांव की गलियों में बच्चों के साथ खेलती बतखों की कमी पूरे गांव को खल रही है। 66 बतख व 55 एक किमी दायरे में मुर्गा मुर्गी की किलिग हुई है। शनिवार को प्रभारी चिकित्सक नरेंद्र कुमार, डॉ. शरद शाक्या, डॉ. अजय श्रीवास्तव ने गांव पहुंच कर तालाब परिसर का जायजा लिया और ब्लीचिग का छिड़काव कराया।
बैंक खातों की भेजी जा रही सूचना
प्रभारी चिकित्सक नरेंद्र कुमार ने बताया कि 12 मुर्गा पालकों के 55 मुर्गा-मुर्गी मारे गए हैं। शासन से मुआवजा दिलाने के लिए उनके आधार कार्ड व बैंक खातों की सूचना विभाग के जरिए राजस्व विभाग को भेजी जा रही है। अंडा देने वाले का मुआवजा 90 व साधारण का 70 रुपये निर्धारित है। चिकित्सकों के अनुसार शनिवार को सुपासी क्षेत्र से दस सैंपलिग कर परीक्षण के लिए भेजा गया है। यहां पर एक माह तक अभियान चलेगा। साथ ही मवइया लायक व बाबुआइन खेड़ा के मुर्गी फॉर्मों की निगरानी की जा रही है।
55 सैंपल किए गए एकत्र
शनिवार को पक्षी विहार का निरीक्षण किया गया तथा पोल्ट्री फार्मों में सैंपलिग की गई। फार्मों के संचालकों को मुर्गा और चूजों को अलग-अलग रखने के साथ सफाई रखने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही 55 सैंपल लिए गए। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. पीके सिंह ने बताया कि हड़हा में 10 किमी परिक्षेत्र में पोल्ट्री फार्मों का हर दिन निरीक्षण होगा तथा जिन कुक्कुट पालकों के मुर्गा और मुर्गी की किलिग हुई है, उनको मुआवजा दिलाया जाएगा।