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कमीशनबाजी पर लगाम, अभिभावकों के खाते में बच्चों की ड्रेस का रुपया

जागरण संवाददाता उन्नाव परिषदीय नौनिहालों की यूनिफार्म को लेकर हर साल गुणवत्ता और कमीश्

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 Jun 2021 07:04 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jun 2021 07:04 PM (IST)
कमीशनबाजी पर लगाम, अभिभावकों के खाते में बच्चों की ड्रेस का रुपया
कमीशनबाजी पर लगाम, अभिभावकों के खाते में बच्चों की ड्रेस का रुपया

जागरण संवाददाता, उन्नाव: परिषदीय नौनिहालों की यूनिफार्म को लेकर हर साल गुणवत्ता और कमीशन के खेल पर शासन ने अपने एक निर्णय से ब्रेक लगा दी है। निर्णय लिया है कि छात्र-छात्राओं की यूनिफार्म का धन अब एसएमसी (स्कूल मैनेजमेंट कमेटी) व हेडमास्टर के संयुक्त बैंक खाते में नहीं जायेगा। पीएफएमएस डीबीटी माड्यूल के माध्यम से अब यह धन सीधे बच्चों के अभिभावकों के बैंक खाते में जायेगा।

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पीएफएमएस डीबीटी माड्यूल के माध्यम से सभी बच्चों के अभिभावकों के खातों का सत्यापन करने के लिए संबंधित अधिकारियों को आनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसके बाद इस कार्यप्रणाली के जरिए ड्रेस वितरण का रुपया भेजने पर काम शुरू होगा। शासन की ओर बीएसए को जारी पत्र में कहा गया है कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत शैक्षिक सत्र 2021-22 में अध्यनरत छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के बैंक खाते में यूनिफार्म मद की धनराशि पीएफएमएस डीबीटी माड्यूल के माध्यम से भेजी जाएगी। प्रेरणा पोर्टल पर उपलब्ध छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के प्रमाणिक डाटा का इस कार्यप्रणाली के माध्यम से बैंक खातों का सत्यापन कैसे करना है। इसके लिए राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय में गठित पीएफएमएस सेल 15 जून को जिले के अधिकारियों को प्रशिक्षण देगी। जिसमें सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी आदि जिम्मेदारों को प्रशिक्षण में प्रतिभाग करना होगा।

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बीते 2020-21 में जिले के परिषदीय बच्चों पर खर्च हुआ यूनिफार्म बजट स्कूल व उनकी संख्या---------------पंजीकृत बच्चे-------प्रति बच्चा वर्दी और धन--------कुल धन

प्राथमिक स्कूल-1883----------------189000-----------600 रुपये दो वर्दी के लिए----113400000

जूनियर व कंपोजिट स्कूल-826----------80000-----------600 रुपये दो वर्दी के लिए------48000000

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बंद होगी कमीशनबाजी

ड्रेस वितरण का रुपया विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में भेजा जाता है। इसके बाद समिति की जिम्मेदारी होती है कि वह कि किस फर्म से इनकी खरीदारी करे। इस सबके बाद भी ब्लाक स्तर पर बड़े पैमाने पर ड्रेस वितरण में खेल किया जाता है। जिम्मेदारी इनके वितरण से पहले अपने हक का आकलन करते है। जिसके बाद अपनी बचत होने पर वह घटिया ड्रेसों का वितरण बच्चों के बीच करते है। इस कवायद से जहां सीधे बच्चों को इसका लाभ मिलेगा।

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शासन से भेजे गए पत्र में यह सुनिश्चित किया गया है कि पीएफएमएस डीबीटी माड्यूल के माध्यम से खातों का सत्यापन कर बच्चों के अभिभावकों के खाते में रुपया भेजा जाएगा। इसके लिए फिलहाल पहले प्रशिक्षण दिया जाएगा। फिर आगे की कार्रवाई तय होगी।

- प्रदीप कुमार पांडेय, बीएसए उन्नाव


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