किराया निर्धारित होते ही प्राइवेट एंबुलेंस अस्पताल के पास से गायब
जागरण संवाददाता उन्नाव कोरोना संक्रमितों का ग्राफ बढ़ने के साथ ही सरकारी एंबुलेंस मिलन
जागरण संवाददाता, उन्नाव : कोरोना संक्रमितों का ग्राफ बढ़ने के साथ ही सरकारी एंबुलेंस मिलने में होने वाली देरी का लाभ उठा कमाई करने में जुटे प्राइवेट एंबुलेंस चालकों पर शासन ने जैसे ही शिकंजा कसा वह भूमिगत हो गए। इससे सोमवार को मरीजों को निजी एंबुलेंस के लिए भटकना पड़ा।
किराया निर्धारण होने से पहले तक जिला अस्पताल मुख्यगेट से लेकर इमरजेंसी के सामने तक प्राइवेट एंबुलेंस खड़ी रहती थीं। लेकिन सोमवार को एक-दो एंबुलेंस ही नजर आई। इससे मरीजों को प्राइवेट एंबुलेंस के लिए भटकना पड़ा। सबसे अधिक परेशानी उन लोगों के सामने आई जिन्हें शव ले जाने के लिए एंबुलेंस की जरूरत थी। घंटों भटकने के बाद जिन्हें प्राइवेट एंबुलेंस मिली तो उन्हें चालक की डिमांड के अनुसार ही किराया अदा करना पड़ा।
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स्वयं के साथ मरीजों और तीमारदारों को डाल रहे खतरे में
- प्राइवेट एंबुलेंस चालक कमाई की होड़ में मरीज या दिवंगत मरीज कोरोना पॉजिटिव है या सामान्य मरीज इसको भी नहीं देखते हैं। एंबुलेंस चालक कोविड प्रोटोकाल का भी पालन नहीं करते। वह गाड़ियां सैनिटाइज भी नहीं कराते और दूसरा मरीज लेकर चल देते है। वह संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती कराने से लेकर शव को घाट तक पहुंचा रहे हैं।