13.92 लाख के घोटाले में प्रधान, सचिव व जेई मिले दोषी, होगी कार्रवाई
13.92 लाख के घोटाले में प्रधान सचिव व जेई मिले दोषी होगी कार्रवाई
13.92 लाख के घोटाले में प्रधान, सचिव व जेई मिले दोषी, होगी कार्रवाई
जागरण संवाददाता, उन्नाव: शिकायत के बाद डीएम द्वारा गठित दो सदस्यीय जांच टीम ने 13.92 लाख रुपये का घोटाला पाया। जांच अधिकारी ने प्रधान, सचिव व आरईडी जेई को दोषी मानते हुए डीएम को रिपोर्ट भेजी थी। इस पर डीएम ने प्रधान चंद्रपाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कार्रवाई से पहले एक पखवारे में जवाब मांगा गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर प्रधान के अधिकार सीज किए जाएंगे।
16 मई को तारगांव निवासी शैलेंद्र सिंह, लल्लन और रामदत्त ने डीएम को दिए गए शिकायतीपत्र में ग्राम पंचायत में कराए गए विकास कार्यों में सरकारी धन के गबन का आरोप लगाया था। डीएम ने दो सदस्यीय जांच टीम गठित की थी। टीम में जिला ग्राम्य विकास अभिकरण (डीआरडीए) के परियोजना निदेशक यशवंत सिंह और आरईडी बिछिया की अवर अभियंता राखी द्विवेदी को शामिल किया गया था। 15 जुलाई को परियोजना निदेशक ने गांव जाकर जांच की थी। जांच में पता चला कि तारगांव के मजरा पकरा में इंटरलॉकिंग व नाली निर्माण का कार्य पूर्व प्रधान ने कराया था। बाद में इसी कार्य का दो भागों में बांटकर निर्माण दिखा 413702 रुपये का फर्जी भुगतान किया गया। जांच के दौरान जानकारी हुई कि रामचंद्र के घर से मंदिर तक लंबाई 107 मीटर कार्य को पांच टुकड़ों में बांटकर 9.79 लाख रुपये का व्यय किया गया। जो पंचायतीराज विभाग के शासनादेश के विपरीत पाया गया।
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सचिव व आरईडी जेई पर कार्रवाई के निर्देश
- मामले में प्रधान के साथ ग्राम विकास अधिकारी दिलीप कुमार भारतीय और अवर अभियंता आरईडी राखी द्विवेदी भी दोषी पाई गई हैं। कुल 13.92 लाख के घोटाले में प्रत्येक एक तिहाई 4.64 लाख की धनराशि के दुरुपयोग के दोषी पाए गए हैं। डीएम ने सचिव दिलीप कुमार भारतीय को नोटिस भेजने के निर्देश जिला विकास अधिकारी को दिए हैं। साथ ही एक्सईएन आरईडी अवर अभियंता पर कार्रवाई करेंगे।