बुखार से वृद्धा की मौत, कागजों पर रोक रहे डेंगू
जागरण संवाददाता उन्नाव शासन ने काफी पहले ही संचारी रोगों की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य
जागरण संवाददाता, उन्नाव : शासन ने काफी पहले ही संचारी रोगों की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को सचेत किया था। इसके लिए संचारी रोग नियंत्रण अभियान भी चलाया गया लेकिन मच्छरों पर नियंत्रण पाने के लिए कागजों पर प्रयास किए जाने से मच्छर जनित बीमारियों में डेंगू पर नियंत्रण नहीं मिल पा रहा है। शुक्रवार को भी जिला अस्पताल में ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक बुखार के मरीजों की लंबी लाइन लग रही है। बुखार पीड़ित भर्ती मरीजों में एक वृद्धा की मौत हो गई।
संचारी रोग नियंत्रण अभियान के दौरान पंचायतीराज, शिक्षा, नगर निकाय आदि विभागों को स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय कर संचारीरोगों की रोकथाम का कार्य करने के लिए शासन ने गाइड लाइन जारी की थी। अभियान के दौरान फागिग कराई गई न मच्छरों का प्रजनन रोकने के लिए जल भराव एंटीलार्वा दवा का समुचित छिड़काव कराया गया। नतीजतन मच्छरों की फौज लगातार बीमारी बांट रही है। साफ पानी में होने वाले डेंगू का प्रजनन भी मलेरिया विभाग रोक नहीं सका है। कागजों पर अभियान में की गई कार्रवाई की पोल लगातार बढ़ रहे बुखार और डेंगू के मरीज कर रहे हैं। गुरुवार को भी एक और डेंगू पाजिटिव मिला है। दो माह के अंदर डेंगू संक्रमितों की संख्या लगभग 105 हो गई है। जिला अस्पताल में शुक्रवार को भी पर्चा काउंटर और डायग्नोस्टिक सेंटर पर लाइन में लगे मरीजों ने हंगामा किया। सुरक्षा गार्डों ने किसी तरह समझा बुझा भीड़ को शांत कराया। 1088 मरीजों ने पर्चा बनवा पंजीकरण कराया जिसमें 328 पुरुष, 345 महिला, 203 मेल चाइल्ड और 212 फीमेल चाइल्ड शामिल रहे। ओपीडी में 22 बुखार पीड़ित मरीज पहुंचे जबकि इमरजेंसी में पांच बुखार पीड़ित मरीजों को भर्ती किया गया। भर्ती मरीजों में अति गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाई गई सत्तर वर्षीय श्यामा की मौत हो गई। ओपीडी में आए बुखार पीड़ितों में दस बच्चे भी शामिल हैं। इसके साथ ही डायरिया के सात मरीज भर्ती कराये गए जिनमें चार बच्चे शामिल हैं। बुखार पीड़ितों में एक को टाइफाइड होने की पुष्टि हुई है जबकि एक को डेंगू के लक्षण मिलने पर सैंपल लेकर जांच को भेजा गया है।