अस्पताल प्रशासन के निशाने पर लापरवाह स्वास्थ्य कर्मी
अस्पताल प्रशासन के निशाने पर लापरवाह स्वास्थ्य कर्मी
अस्पताल प्रशासन के निशाने पर लापरवाह स्वास्थ्य कर्मी
जागरण संवाददाता, उन्नाव : स्वास्थ्य कर्मियों की मनमानी और लापरवाही से आए दिन मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कार्यकारी सीएमएस ने इस पर कड़ा रुख अपनाया है। इमरजेंसी के संविदा और आउट सोर्सिंग कर्मचारियों की कार्यशैली के संबंध में मैटर्न व इमरजेंसी इंचार्ज सिस्टर से रिपोर्ट मांगी है।
सोमवार को दही क्षेत्र में हाईवे पर हुई दुर्घटना में कार की टक्कर से बाइक सवार नाना-नाती तथा एक अन्य घायल हो गए थे। घायलों में देशराज, उसके नाती शिवा और दामाद कैलाश को लेकर सीओ पुरवा विक्रमाजीत सिंह जिला अस्पताल पहुंचे थे। जहां स्वास्थ्य कर्मचारियों ने स्ट्रेचर तक नहीं दिया था। सीओ स्वयं घायल बच्चे को गो में लेकर भर्ती कराने इमरजेंसी पहुंचे थे। बाद में घायल बच्चे और उसके नाना की मौत हो गई थी। जबकि, बच्चे का पिता गंभीर है। स्वास्थ्य कर्मचारियों की मनमानी का मामला सीएमओ तक पहुंचा था। सीएमओ फोन पर सीएमएस डा. सुशील कुमार से मामले में कार्रवाई करने को कहा था। सीएमएस दो दिन के अवकाश पर हैं। कार्यकारी सीएमएस डा. आलोक पांडेय ने बताया कि स्ट्रेचर न देना गंभीर लापरवाही है। इमरजेंसी में जिन वार्ड ब्वाय की ड्यूटी थी उनके संबंध में इमरजेंसी इंचार्ज सिस्टर और मैटर्न से रिपोर्ट मांगी है। कार्यकारी सीएमएस ने कहा कि रिपोर्ट आने पर जो भी लापरवाही के लिए दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।