कौशल विकास मिशन और एनआरएलएम पर जांच का शिकंजा
जागरण संवाददाता उन्नाव विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण देकर बेरोजगारों को कौशलपरक बनाए ज
जागरण संवाददाता, उन्नाव: विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण देकर बेरोजगारों को कौशलपरक बनाए जाने के लिए कौशल विकास मिशन ने बीते वित्तीय वर्ष में कितना धन खर्च किया, यहां कितना बजट आया अब इसकी जांच होगी। इसके साथ ही ग्रामीण आजीविका मिशन में स्वयं सहायता समूहों को दिए जाने वाले करोड़ों रुपये के रिवॉल्विग फंड के अभिलेख भी जांचे जाएंगे। मुख्य विकास अधिकारी ने इस जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है। कमेटी को एक सप्ताह के अंदर जांच पूरी करते हुए रिपोर्ट देनी होगी।
मुख्य विकास अधिकारी डॉ. राजेश कुमार प्रजापति ने जांच का निर्देश देकर कौशल विकास मिशन व राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से संबंधित सभी अभिलेखों व पत्रावलियों को परखवाने की तैयारी की है। सीडीओ ने जांच की जरूरत इसलिए बताई है कि इन विभागों के बजट की निकासी व वितरण की प्रक्रिया उनके और डीएम रवींद्र कुमार के हस्ताक्षर से होती है। इन विभागों में काम करने वाले अधिकांश कर्मचारी संविदा के आधार पर मानदेय कर्मी हैं। इसलिए यह लोग आर्थिक लेनदेन के अभिलेखों में गलती कर सकते हैं। सीडीओ ने निर्देशों में कहा है कि दोनों कार्यालयों में वित्तीय वर्ष 2019-20 से अब तक किये गये समस्त प्रकार के खर्च, निकासी व वितरण की विस्तृत जांच होनी कराई जाएगी।
--------------
- दोनों विभागों में करोड़ों का बजट और उसका खर्च हम लोगों के ही हस्ताक्षर से होता है। इसके अलावा कर्मी कहीं गलती तो नहीं कर रहे हैं। यह भी जानना जरूरी है। इसीलिए जांच कराई जा रही है।
- डॉ. राजेश कुमार प्रजापति, सीडीओ
--------------
कमेटी में इन पर है जांच का जिम्मा
- वित्तीय परामर्शदाता, जिला पंचायत।
- अनिल कुमार, प्रशासनिक अधिकारी, विकास।
- लवकुश मिश्रा, लेखाकार, कार्यालय वरिष्ठ कोषाधिकारी।