मरीजों की भीड़ बढ़ी तो डॉक्टर केबिन से खिसके
संक्रामक रोगों का कहर थम नहीं रहा है। सोमवार को भी जिला अस्पताल में जांच कराने वाले मरीजों में दो को डेंगू होने की पुष्टि हुई है। उधर ओपीडी से इमरजेंसी तक बुखार व अन्य संक्रामक बीमारियों के मरीजों की लंबी लाइन लगी रहती है। अवकाश के बाद सोमवार को अस्पताल खुला तो मरीजों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। हालत यह था कि ओपीडी में डॉक्टरों को दिखाने के लिए मरीजों में आपस में ही धक्का मुक्की होती रही। भारी भीड़ देख कुछ डॉक्टर तो केबिन छोड़ कर खिसक गए।
जागरण संवाददाता, उन्नाव : संक्रामक रोगों का कहर थम नहीं रहा है। सोमवार को भी जिला अस्पताल में जांच कराने वाले मरीजों में दो को डेंगू होने की पुष्टि हुई है। उधर ओपीडी से इमरजेंसी तक बुखार और अन्य संक्रामक बीमारियों के मरीजों की लंबी लाइन लगी रहती है। अवकाश के बाद सोमवार को अस्पताल खुला तो मरीजों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। ओपीडी में डॉक्टरों को दिखाने के लिए मरीजों में आपस में ही धक्का-मुक्की होती रही। भारी भीड़ देख कुछ डॉक्टर तो केबिन छोड़कर खिसक गए।
सोमवार को जिला अस्पताल में 2253 पर्चा साढ़े 12 बजे तक बनाए गए। ओपीडी में सबसे अधिक भीड़ फिजीशियन और बालरोग विशेषज्ञ चिकित्सकों के कक्ष में रही। दोपहर 12 बजे तक मरीजों की लंबी लाइन लगी रही। मरीजों की भारी भीड़ देख एक बाल रोग विशेषज्ञ और संविदा पर तैनात एक फिजीशियन समेत कुछ डॉक्टर राउंड का बहाना कर केबिन खाली छोड़ कर चले गए। घंटों प्रतीक्षा के बाद भी जब डॉक्टर नहीं आए तो तीमारदारों ने दूसरे डॉक्टरों को दिखाया। डॉक्टरों के इस रवैया को लेकर तीमारदारों में रोष रहा। तीमारदारों ने डॉक्टरों के केबिन छोड़कर चले जाने की शिकायत सीएमएस से की लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
जिला अस्पताल में आए बुखार पीड़ित मरीजों में 250 से अधिक को मलेरिया, सीबीसी और 10 को डेंगू की जांच कराने की सलाह चिकित्सकों ने दी। जिला अस्पताल डायग्नोस्टिक सेंटर में 10 मरीजों की डेंगू की जांच की गई जिसमें प्रत्यूश सिंह (20) पीडीनगर और जनार्दन सिंह (27) धवन रोड को डेंगू होने की पुष्टि हुई है। उधर पूर्व में जिन मरीजों को डेंगू होने की पुष्टि हुई थी उनमें चार मरीजों के घर शुक्लागंज, नवाबगंज अतरी, फतेहपुर चौरासी अर्जुनखेड़ा संक्रामक रोग विभाग के डॉक्टरों की टीम पहुंची। डेंगू पीड़ित के पारिवारिक सदस्यों का स्वास्थ्य परीक्षण कराने के साथ दवा का छिड़काव कराया।