सितंबर में औसत बारिश न होने से उमस का रहा जोर
जागरण संवाददाता उन्नाव पिछले पांच सालों से सितंबर में बारिश औसत से कम हो रही है। साथ
जागरण संवाददाता, उन्नाव : पिछले पांच सालों से सितंबर में बारिश औसत से कम हो रही है। साथ ही औसत तापमान भी 30 डिग्री के पास रहता है। इस साल भी सितंबर में बारिश नहीं हुई है, जिससे उमस का जोर बना हुआ है। अक्टूबर में यदि मौसम ने करवट न ली तो धान की फसल के बाद गेहूं की फसल के लिए किसानों को चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
23 सितंबर से उत्तरी गोलार्थ का मौसम ठंड की ओर बढ़ने लगता है, वहीं दक्षिणी गोलार्थ में गर्मी की शुरुआत होने लगती है। सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं, जिससे मौसम में परिवर्तन होता है। वहीं पिछले पांच साल से सूर्य के गोलार्थ में परिवर्तन के बाद भी मौसम में अंतर नहीं आया। सितंबर में मानसून रुखसत होने लगता है और हवा दक्षिण व उत्तर की चलने लगती है, जिससे रात का तापमान गिरने लगता है। पिछले पांच सालों में ऐसा नहीं हो रहा है। सितंबर में सबसे अधिक उमस पड़ रही है और 23 सितंबर के बाद भी उमस भरी गर्मी लोगों को परेशान करती रही है। सबसे बुरी दशा इस साल रही है। बारिश न होने से किसान सिर पकड़ने को मजबूर हैं। सितंबर में औसत बारिश 130 एमएम है और हाल यह है कि अब तक 5 एमएम बारिश हुई है। साथ ही औसत तापमान 31 डिग्री सेल्सियस है जो सामान्य से 5 डिग्री अधिक है। मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता का कहना है कि पर्यावरण में असंतुलन से सितंबर में मौसम पिछले पांच सालों से चुनौती सरीखा बना है। अमूमन सितंबर से हवा बदलने से रात का तापमान गिरने लगता है जिससे ठंड की ओर धीरे-धीरे मौसम की करवट हो जाती है। असल में 23 सितंबर से दिन का समय घटने लगता है और सूर्य की रोशनी का असर कम होने लगता है जिससे तापमान में गिरावट आनी शुरू हो जाती है।
-------------
सतंबर में औसत तापमान पर नजर
2015- 32 डिग्री
2016- 30 डिग्री
2017- 31 डिग्री
2018- 30 डिग्री
2019- 30 डिग्री
2020- 32 डिग्री