उन्नाव कांड में सीबीआइ की दहशत से बढ़ी डॉक्टरों की धड़कन
उन्नाव के माखी गांव की दुष्कर्म पीडि़ता के पिता के घायल अवस्था में मेडिकल से लेकर इलाज और पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर सीबीआइ के निशाने पर हैं।
उन्नाव (जेएनएन)। माखी गांव की दुष्कर्म पीडि़ता के पिता के घायल अवस्था में मेडिकल से लेकर इलाज और पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर सीबीआइ के निशाने पर हैं। सोमवार को सीबीआइ उनसे पूछताछ कर कर सकती है। इसको लेकर स्वास्थ्य महकमे में खलबली मची है। इलाज व मेडिकल संबंधित अभिलेख पहले ही सीबीआइ कब्जे में ले चुकी है। डॉ. केडी द्विवेदी ने निलंबन आदेश के विरोध में न्यायालय की शरण ली है। न्यायालय में 14 मई को मामले पर सुनवाई होगी।
दुष्कर्म पीडि़ता के पिता को तीन अप्रैल को देर रात जिला अस्पताल लाया गया था। जहां ईएमओ डॉ.प्रशांत उपाध्याय ने मेडिकल किया था। डॉ. प्रशांत और सीएमएस डॉ.केडी द्विवेदी को शासन निलंबित कर चुका है। दूसरे दिन चार अप्रैल को डॉ. मनोज ङ्क्षसह और डॉ.जीपी सचान ने पुलिस के कहने पर घायल को जिला अस्पताल से रेफर कर दिया था। जेल जाने के बाद उसकी फिर हालत बिगड़ी तब जेल से आई कॉल के बाद डॉ. आलोक पांडेय और डॉ.एसएम गुप्ता उसे देखने जेल गए थे। इसके बाद आठ अप्रैल को जेल से उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तब डॉ.गौरव ने उसका इलाज किया था। नौ अप्रैल को भोर पहर मौत हो गई। पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों के पैनल ने किया था। इस तरह से पूरे मामले में नौ डॉक्टर शामिल रहे। माना जा रहा है सीबीआइ सभी डॉक्टरों से पूछताछ करेगी। इस संभावना को इससे भी बल मिल रहा है कि पूर्व सीएमओ से पूछताछ के बाद डॉक्टरों के मौजूद रहने की बात सीबीआइ अधिकारियों ने कही है। सीबीआइ के सवाल क्या होंगे, कैसे पूछताछ होगी, डॉक्टर इसकी टोह लेते दिखे।