स्वास्थ्य कर्मियों का टोटा फिर भी एमपीडब्ल्यू का समायोजन नहीं
जागरण संवाददाता उन्नाव कोरोना कॉल में स्वास्थ्य विभाग लगातार स्वास्थ्य कर्मियों की कमी का रो
जागरण संवाददाता, उन्नाव : कोरोना कॉल में स्वास्थ्य विभाग लगातार स्वास्थ्य कर्मियों की कमी का रोना रोता आ रहा है। शासन ने कर्मचारी रखने का आदेश और बजट भी जारी कर दिया है। लेकिन उसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग कर्मचारियों की कमी को पूरा करने की दिशा में सार्थक कदम नहीं उठा रहा है। यह हाल भी तब है जबकि विभाग के पास अनुभवी और इसी विभाग में काम कर चुके एमपीडब्ल्यू कार्यकर्ता अपने समायोजन के लिए चक्कर काट रहे हैं। बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ताओं ने सीएमओ को ज्ञापन देकर वरीयता पर समायोजन करने की मांग उठाई है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जिले में लगभग 152 एमपीडब्ल्यू कार्यकर्ता भर्ती किए गए थे। लगभग 6 वर्ष तक कार्य करते रहे उसके बाद रिक्त पदों पर नियमित करने की मांग पर इनसे काम लेना बंद कर दिया गया था। कार्यकर्ताओं ने सीएमओ को दिए ज्ञापन में प्रदेश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के साथ ही अन्य संक्रामक रोगों के फैलाव को देखते हुए पुन: समायोजित करने की मांग की है। एमपीडब्ल्यू कार्यकर्ता एसोसिएसशन जिलाध्यक्ष अखिलेश तिवारी ने कहा कि ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ सेवाओं के ढांचे को मजबूती प्रदान करने और वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए कार्यकर्ताओं का समायोजन किया जाए। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 40 जनपदों में 3575 एमपीडब्ल्यू कार्यकर्ताओं की वर्ष 2012 में नियुक्ति की गई थी परंतु 6 वर्ष बाद सेवाओं को रोक दिया गया। न्यायिक आदेश के बावजूद विभाग ने सेवाएं बहाल नहीं की हैं। उन्होंने मांग की है कार्यकर्ता अनुभवी हैं इस समय जब कर्मचारियों की कमी है तो वरीयता के आधार समायोजन किया जाए। ज्ञापन देने वालों में आशीष द्विवेदी, दीपक त्रिपाठी, सचिन दिक्षित, मनीष प्रभाकर ,अनिल कुमार आदि प्रमुख रहे।