प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों को भी सरकारी दिलाएगी रेमडेसिविर
जागरण संवाददाता उन्नाव कोरोना संक्रमण बढ़ने और कोविड-19 के इलाज में जीवन रक्षक दवाओं
जागरण संवाददाता, उन्नाव : कोरोना संक्रमण बढ़ने और कोविड-19 के इलाज में जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी रोकने के लिए सरकार ने अब संक्रमित मरीजों को सरकार की ओर से रेमडेसिविर इंजेक्शन वह भी सरकारी दर पर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। सरकार ने इसके लिए सभी जिलों का कोटा भी निर्धारित कर दिया है। निजी अस्पताल में भर्ती मरीज के लिए रेमडेसिविर की जरूरत पड़ने पर हॉस्पिटल के विशेषज्ञ सीएमओ से डिमांड करेंगे। उसके बाद मेडिकल टीम उसका सत्यापन कर अपनी आख्या देगी। वास्तविक जरूरत होने पर डीएम और सीएमओ के संयुक्त आदेश पर उसे प्रति वायल 1800 रुपया रेडक्रास सोसायटी के खाते में जमा करना होगा तब उसे इंजेक्शन मिलेगा। एक साथ तीन से अधिक इंजेक्शन नहीं दिए जाएंगे।
जिले के एकमात्र कोविड हॉस्पिटल सरस्वती मेडिकल कॉलेज को शासन की ओर से प्रतिदिन 50 वायल रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्राइवेट अस्पताल में भर्ती मरीजों को आसानी से इंजेक्शन नहीं उपलब्ध हो पा रहा। उन्हें दस-पंद्रह गुनी कीमत कालाबाजारी करने वालों को अदा करनी पड़ रही है। ऐसे लोगों को कालाबाजारी से बचाने के लिए शासन ने अब हर जिले के लिए अलग से रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। जिले को 80 वायल इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए हैं। जिसमें से बीस प्रतिशत आवश्यकता के आधार पर सरकारी और अस्सी फीसद वायल प्राइवेट अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए प्रयोग की जा सकेंगी।
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इंजेक्शन देने से पहले किया जाएगा सत्यापन
- रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड के बाद तत्काल डॉक्टरों की टीम भेज सत्यापन कराया जाएगा। मेडिकल अफसरों को सत्यापन रिपोर्ट में जिस मरीज को इंजेक्शन दिया जा रहा है वह अस्पताल में भर्ती है या नहीं, उसे इंजेक्शन की वास्तविक आवश्यकता है या नहीं इसका उल्लेख करना होगा । उसी के बाद उसे इंजेक्शन आवंटित किया जाएगा।
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- शासन ने जो आदेश जारी किया है, उसका पालन करते हुए गाइडलाइन के अनुसार जरूरतमंदों को इंजेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा। जिले को 80 वायल मिले हैं।
- डॉ. आशुतोष कुमार, सीएमओ