बुखार से युवती की मौत, एक परिवार के तीन बच्चों समेत 10 भर्ती
जागरण संवाददाता उन्नाव मंगलवार को भी जिला अस्पताल में बुखार पीड़ित मरीजों की लंबी लाइन लगी
जागरण संवाददाता, उन्नाव : मंगलवार को भी जिला अस्पताल में बुखार पीड़ित मरीजों की लंबी लाइन लगी रही। ओपीडी में वायरल बीमारियों से पीड़ित मरीजों की भीड़ रही जिसमे बच्चे भी शामिल रहे। वहीं बुखार आने से गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराई गई एक युवती की मंगलवार को मौत हो गई। जबकि इमरजेंसी में भर्ती एक ही परिवार के तीन बच्चों समेत दस बुखार पीड़ित मरीजों का इलाज चल रहा है।
मंगलवार को जिला अस्पताल ओपीडी में 1428 मरीजों ने पर्चा काउंटर पर पंजीकरण कराया। इनमें 490 पुरुष, 432 महिला, 258 मेल बच्चे और 248 फीमेल बच्चे शामिल रहे। ओपीडी में सबसे अधिक भीड़ फिजीशियन और बालरोग विशेषज्ञ के कक्षों में रही। वरिष्ठ फिजीशियन डा. आलोक कुमार पांडेय ने बताया बुखार के मरीज अधिक आ रहे हैं लेकिन उनमें डेंगू के लक्षण नहीं हैं। अधिकांश वायरल फीवर के हैं। वहीं बालरोग विशेषज्ञ डा. अमित श्रीवास्तव, डा. ब्रजकुमार और डा. रामखेलावन ने बताया कि औसतन प्रतिदिन 60-70 बच्चे ऐसे आ रहे हैं जो बुखार पीड़ित होते हैं। बीमार बच्चों में ज्यादा संख्या डायरिया और जुकाम पीड़ितों की है।
मंगलवार को जिला अस्पताल में जो बुखार के मरीज भर्ती कराए गए उनमें अचलगंज के गांव बेहटा नथई निवासी सतीश की पत्नी नीलू की मौत हो गई। डा. शोभित अग्निहोत्री ने बताया कि युवती को गंभीर हालत में लाया गया था। स्वजन ने बताया कि कई दिनों से बुखार आ रहा था। उन्होंने बताया कि युवती का आक्सीजन लेवल बहुत कम था। वहीं दूसरी तरफ थाना माखी के गांव भदनी निवासी अनिल सिंह की पत्नी सुमन , उनके पुत्र निहाल व पुत्री नंदनी को कई दिनों से बुखार आ रहा था । मंगलवार को तीनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसी के साथ बुखार पीड़ित में नेहा महदी खेड़ा, कुष्णचंद्र मगरवारा, अवी गांधीनगर, चाहत दुर्गाखेड़ा, हीरालाल , जसमीन अचलगंज तथा आनंद सिगरोसी का जिला अस्पताल इमरजेंसी में इलाज चल रहा है। सीएमएस डा. पवन कुमार ने बताया कि सोमवार को बुखार पीड़ितों में चार और मंगलवार को दस बुखार पीड़ितों का सैंपल लेकर डेंगू की जांच कराने को लखनऊ भेजा गया है।
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पांच दिन में बुखार न उतरे तब कराएं जाच
जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डा. आलोक पांडेय ने कहा कि हर बुखार डेंगू नहीं होता है। इस लिए पांच दिन बाद अगर बुखार न ठीक हो तब डेंगू की जांच करानी चाहिए। उन्होंने बताया कि डेंगू का प्रारंभिक लक्षण तब माना जाता है जब प्लेटलेट्स डेढ़ लाख से कम हो बुखार के साथ सिर दर्द, आंखों के चारों ओर तेज दर्द, मांसपेशी व जोड़ों में दर्द के साथ उल्टी आना प्रारंभिक डेंगू का लक्षण है। उन्होंने बताया कि यह पांच दिन में सामान्य बुखार की दवा पैरासीटामाल टेबलेट खाने से ठीक हो जाता है। अगर पांच दिन में बुखार न उतरे तब डेंगू की जांच करानी चाहिए उसके पहले जांच में भी अक्सर डेंगू की पुष्टि नहीं होती है।
साफ पानी में पैदा होता है मच्छर
जिला मलेरिया अधिकारी आरसी यादव ने बताया कि डेंगू फैलाने वाला 'एडीज' मच्छर साफ पानी में पैदा होता है इसलिए जलभराव न होने दें और मच्छरों से बचाव करें।