70 बाढ़ राहत केंद्रों से मिलेगी बाढ़ पीड़ितों को मदद
जागरण संवाददाता उन्नाव जिले के चौदह ब्लाक क्षेत्र के 373 गांव बाढ़ की चपेट में आते हैं। इ
जागरण संवाददाता, उन्नाव : जिले के चौदह ब्लाक क्षेत्र के 373 गांव बाढ़ की चपेट में आते हैं। इन गांवों को बाढ़ से राहत देने के लिए 36 बाढ़ राहत केंद्र और 11 उपकेंद्र बनाए गए हैं। बाढ़ पीड़ित परिवारों को सुरक्षित ठिकानों पर रखने, उनके दवा उपचार से लेकर भोजन तक के प्रबंध की तैयारियां कर ली गई हैं। डीएम के अलर्ट जारी करते ही राजस्व, पशुपालन और स्वास्थ्य विभाग को बाढ़ राहत केंद्रों और उपकेंद्रों की व्यवस्था सु²ढ़ करने को कहा गया है।
गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद गंगा के तटवर्ती दर्जनों गांवों के पास तक पानी पहुंच गया। बुधवार को डीएम रवींद्र कुमार ने बाढ़ की चपेट में आए शुक्लागंज के रविदासनगर समेत कई गांवों का भ्रमण करने के बाद अलर्ट जारी किया था। हालांकि गुरुवार को गंगा के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है। लेकिन बाढ़ राहत कार्यों की तैयारी को अंतिम रूप दे दिया गया है। अपर जिलाधिकारी राकेश कुमार ने संबंधित विभागों को बाढ़ राहत कार्यों को लेकर सौंपे गए कार्यों का तैयारी का रिहर्सल करने को कहा है। पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए मुख्य पशुचिकित्साधिकारी को सभी केंद्रों पर डाक्टर लगाने का निर्देश डीएम ने दिया है।
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बाढ़ से निपटने की गई तैयारी पर एक नजर
बाढ़ की चपेट में आने वाले संभावित गांव : 373
संभावित बाढ़ की चपेट में आने वाले गांव की जनसंख्या : 2,26,337
बाढ़ राहत केंद्र : 36
बाढ़ राहत उपकेंद्र : 11
बाढ़ राहत उपकेंद्र चौकियां : 34
बाढ़ राहत के लिए नाव : 351
संभावित बाढ़ की चपेट में आने वाले पशु : 33481
संभावित बाढ़ में प्रभावित होने वाले परिषदीय स्कूल : 160
संभावित बाढ़ में प्रभावित होने वाले आंगनबाड़ी केंद्र : 144
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डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ बाढ़ पीड़ितों को देगा स्वास्थ्य सेवाएं
उन्नाव : अगर बाढ़ आई तो बाढ़ पीड़ित क्षेत्र के निवासियों को स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए बाढ़ राहत केंद्र और चौकियों पर डॉक्टर पैरामेडिकल स्टाफ के साथ मुस्तैद मिलेंगी। दवाओं के साथ ही एंटी स्नैक वेनम भी केंद्रों पर रहेगा। क्योकि सर्प दंश के एक घंटे के अंदर एंटी स्नेक वेनम का इंजेक्शन लगना जरूरी होता है। बाढ़ आने पर जिले के 373 गांवों के 2,26,337 लोग बाढ़ से प्रभावित हो सकते हैं। प्रशासन ने इनको विस्थापित कर 70 बाढ़ राहत केंद्रों में रखने के साथ ही उनको स्वास्थ्य सेवाएं देने का भी प्रबंध किया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 48 चिकित्सक और 92 पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाई है। यह डाक्टर और स्टाफ आवश्यक दवाओं के साथ बाढ़ राहत केंद्रों और चौकियों पर रहकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को चिकित्सा सेवा देंगे।
डीएम रवींद्र कुमार ने बताया कि बाढ़ के दौरान संक्रामक बीमारियों के साथ सबसे अधिक खतरा सांप काटने का रहता है। उन्होंने बताया कि सीएमओ को निर्देश दिया है कि एंटी स्नैक वेनम पर्याप्त मात्रा में रखें। सीएमओ डा. सत्यप्रकाश ने बताया कि सभी सीएचसी और पीएचसी प्रभारियों को निर्देश दे दिया है कि वह डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाने के साथ अगर दवा कम हो तो स्टोर से ले लें।