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गंगा में उफान जारी, तटवर्ती गांवों में मचा हाहाकार

जागरण टीम उन्नाव गंगा का जलस्तर अब खतरे के निशान से मात्र 17 सेंटीमीटर दूर रह गया है

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 08:15 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 08:15 PM (IST)
गंगा में उफान जारी, तटवर्ती गांवों में मचा हाहाकार
गंगा में उफान जारी, तटवर्ती गांवों में मचा हाहाकार

जागरण टीम, उन्नाव : गंगा का जलस्तर अब खतरे के निशान से मात्र 17 सेंटीमीटर दूर रह गया है। मंगलवार शाम केंद्रीय जल आयोग ने गंगा नदी का जलस्तर 112.830 मीटर रिकार्ड किया है। इस तरह से बीते 24 घंटे में 31 सेंटीमीटर पानी की बढ़ोतरी हुई है। तेजी से बढ़ रहे जलस्तर के कारण खतरा बन रही बिजली की लाइनों को देखते हुए शुक्लागंज के 10 मुहल्लों की बिजली काट दी गई है। गांवों के अंदर पानी पहुंचने से बांगरमऊ, सफीपुर, सदर व बीघापुर तहसील के एक सैकड़ा से अधिक गांवों में लोग लोग पलायन कर दूसरे गांवों में सुरक्षित स्थान तलाश रहे हैं। हजारों बीघा फसल पानी में डूब जाने के कारण अब तक नष्ट हो चुकी है। ऐसे में जहां प्रशासन स्थिति नियंत्रण में होने का दावा कर रहा है। तो दूसरी तरफ किसानों में बाढ़ की स्थिति देखते हुए हाहाकार मचा है। सफीपुर तहसील के हमजापुर गांव के प्राथमिक विद्यालय समेत कई जगह स्कूल परिसर में पानी भर गया है।

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शुक्लागंज में घरों तक पहुंचा पानी, सड़क पर चल रही नाव

- शुक्लागंज के पश्चिमी गंगाघाट के मिश्रा कालोनी, चंपापुरवा, हुसैननगर, करबला आदि मुहल्लों में हालात खराब हो रहे हैं। सौ से अधिक मकानों, दुकानों तक पानी घुस गया है। सड़कों तक पानी होने से नाव के सहारे आवागमन हो रहा है। तटवर्ती मुहल्लों के लोग गृहस्थी समेटने लगे हैं। खतरे की आशंका को देखते हुए शुक्लागंज के 10 मुहल्लों की बिजली काट दी गई है। वहीं एसडीएम सदर सत्यप्रिय सिंह ने क्षेत्र का भ्रमण करते हुए राजस्व कर्मियों को बचाव कार्य करने के सतर्क रहने के निर्देश दिये हैं।

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बांगरमऊ में कई बीघा फसल बर्बाद

- बाढ़ से बांगरमऊ कटरी क्षेत्र के गहर पुरवा, बगिया, भटपुरवा, गढ़ेवा, भुड्डा, मल्लाहन पुरवा, कुशाल पुरवा, खैरुद्दीनपुर व सतुआही आदि दो दर्जन गावों में किसानों की तिलहन, आलू, गोभी, टमाटर व करेला की फसलें डूब कर बर्बाद हो गई हैं। कांग्रेस जिला अध्यक्ष आरती बाजपेई ने इस बीच बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने दावा किया कि किसानों को अभी तक प्रशासन की तरफ से कोई भी नहीं आया। उन्होंने डीएम से बात करते हुए किसानों को तत्काल राहत दिलाने की मांग की है।

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गंजमुरादाबाद के कई गांवों में आबादी की तरफ बढ़ा पानी

- गंगा नदी में बढ़ रहे जलस्तर से आबादी क्षेत्र में प्रवेश करने लगा है इससे गंजमुरादाबाद क्षेत्र भारी तबाही के संकेत मिल रहे हैं। बाढ़ का पानी तलहटी क्षेत्र स्थित गांवों के अलावा गंगा की प्रमुख धारा से करीब एक किलोमीटर दूर बसे गांवों के निकट निचले इलाकों पहुंचने लगा है। इससे क्षेत्र के सिरधरपुर, मेलारामकुवर, भिखारीपुर पतसिया, आलमऊ सराय आदि चपेट में आ चुके हैं। बाढ़ ने क्षेत्रीय किसानों की सैकड़ो बीघा तैयार व बोई गई फसलों को तबाह कर दिया है। वही अब गांवों के निकट भी पानी पहुंच गया है।

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कई गांवों की काटी गई बिजली

- फतेहपुर चौरासी ब्लाक क्षेत्र में गंगा के बढ़ते जलस्तर लगातार किसानों की फसलें जलमग्न हो रही है। क्षेत्र में कई जगह कटान होने लगा है साथ ही कई गांवों में जलभराव हो गया है। जिससे लोग स्वयं सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रहे हैं। गंगा के तेज बहाव में कई जानवर बहते नजर आए। शिक्षक भी नाव का सहारा लेकर स्कूल पहुंचे। फिलहाल जाजामऊ, चिरंजीवपुरवा, कुशेहर सहित कई गांव की भी बिजली काट दी गई है। अन्य गांव की बिजली काटने का कार्य किया जाएगा।

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गांव में घुटनों तक भरा पानी, मंझा कर निकल रहे ग्रामीण

अचलगंज : दूसरे दिन मंगलवार को भी गंगा के पानी में तेजी से बढ़ोतरी जारी रही। तटवर्ती गांवों में बोया गया धान व मौसमी सब्जी की फसलें डूब गयी हैं। कटरी के गांवों में मझरा भिखना, लक्ष्मनिया, कंचन खेड़ा, टेढ़वा, छडउवा खेड़ा , बंदीपुरवा आदि गांव बाढ़ के पानी से घिर गये हैं। इससे ग्रामीण कमर तक पानी मझांकर आवागमन कर रहे हैं। सिकंदरपुर कर्ण ब्लाक की ग्राम पंचायत बलाई प्रधान राम सिंह यादव ने बताया कि गंदे नाले के उस पार सभी खेतों में पानी भर जाने से फसलों को भारी नुकसान ही हो गया है। मझरा भिखना के जागरण यादव ने बताया कि कोलुहागाड़ा से मझरा जाने वाला खड़ंजा मार्ग पर पानी भर गया है। गांव के दोनों ओर पानी भरा है। इससे पानी मझा कर जाना पड़ रहा है।

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गंगा पार के गांव में बाढ़ का खतरा, ग्राीमण भयभीत

- तहसील बीघापुर के लालखेड़ा व दूलीखेड़ा ग्राम पंचायतें व इनके एक दर्जन से अधिक मजरे गंगा नदी के पार पड़ते हैं। प्रति वर्ष उक्त गांव के लोग बाढ़ व कटान की समस्या से जूझते है। इस समय जलस्तर बढ़ने से कटरी के सैकड़ो बीघा फसल जलमग्न हो गई है। गांवों के किनारे पानी पहुंच गया है। यदि अब थोड़ा भी पानी बढ़ा तो गांव के अंदर पानी पहुंच जाएगा।


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