परंपरा का हवाला देकर पांच शव गंगा किनारे किए दफन
जागरण संवाददाता उन्नाव गंगा में शवों को प्रवाह करने से रोकने में प्रशासन भले ही सफल हो
जागरण संवाददाता, उन्नाव : गंगा में शवों को प्रवाह करने से रोकने में प्रशासन भले ही सफल हो गया है, लेकिन किनारों पर दफनाए जाने का क्रम अभी अनवरत जारी है। शव लेकर आने वाले स्वजन परंपरा का हवाला देकर अभी भी लोग अपने माफिक ही क्रिया कर्म करने पर अड़े हैं। सोमवार को शुक्लागंज गंगाघाट में एक और बांगरमऊ के नानामऊ घाट पर चार शवों को दफनाया गया।
सोमवार को शुक्लागंज के बालू घाट पर अविवाहित 22 वर्षीय युवक के शव को परिजनों ने पंरपरा का हवाला देते हुए दफना दिया। गंजमुरादाबाद संसू के अनुसार नानामऊ गंगा घाट पर रविवार व सोमवार के मध्य चार शव दफन किये गये। इसमें बेहटा मुजावर थानाक्षेत्र के गांव सलेमपुर निवासी 25 वर्षीय ओमप्रकाश अविवाहित था, वहीं फतेहपुर चौरासी थाना के गांव दौलतपुर निवासी वृद्ध प्यारेलाल, नया खेड़ा गांव निवासी प्रमोद और भटौली सरेहरी निवासी वृद्ध ब्रजकिशोर के शव को पंरंपरा का हवाला देते हुए दफनाया गया है। बताते हैं कि इन शवों के साथ आये परिजन कर्मियों के समझाने के बाद भी शव जलाने के लिए तैयार नहीं हुए।
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एसडीएम ने किया कोलुहागाड़ा घाट का निरीक्षण
अचलगंज : सोमवार को एसडीएम सदर सत्यप्रिय, इंस्पेक्टर अचलगंज राघवन सिंह व एडीओ पंचायत शैलेंद्र त्रिपाठी कोलुहागाड़ा घाट पहुंचे। यहां होने वाले अंतिम संस्कारों के संबंध में ग्रामीणों व प्रधान से जानकारी की। एसडीएम में अंतिम संस्कार के दौरान शव गंगा में प्रवाहित करने पर पाबंदी के साथ ही कार्यवाही की बात कही है। वहीं फतेहपुर चौरासी ब्लाक के कटरी सरैया घाट पर कोरोना संक्रमित शवों के दाह संस्कार के लिए जगह चिह्नित करने के बाद बैनर लगा दिया गया है। उक्त जगह पर अंतिम संस्कार करने की अपील की है। बीडीओ रुक्मणी वर्मा ने बताया कि सरैया घाट पर दाह संस्कार के लिए भूमि चिह्नित की गई है।