दूसरों के रहमोकरम पर दर्जनों राशन दुकानें
जागरण संवाददाता, उन्नाव: जिले में दर्जनों राशन दुकानें ऐसी हैं जो विभागीय अधिकारियों की मिल
जागरण संवाददाता, उन्नाव: जिले में दर्जनों राशन दुकानें ऐसी हैं जो विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के चलते दूसरे कोटेदारों के रहमोकरम पर संचालित हो रही हैं। इससे हजारों कार्डधारक परेशान हो रहे हैं। अधिकारी पहले निलंबित दुकान को अपने मनमाफिक कोटे से संबद्ध करते हैं फिर इन दुकानों का आवंटन नए सिरे से करने में घोर लापरवाही बरतते हैं। ऐसे में मौजूदा कोटेदार दूसरे कोटे के उपभोक्ताओं को प्राथमिकता नहीं देते और उन्हें चक्कर लगवाते हैं। इसे लेकर विभागीय अधिकारियों से लेकर कोटेदार तक में सांठगांठ चलती है।
जिले में 1231 राशन दुकानें संचालित हैं। इनसे करीब 20 लाख लोगों को सस्ता सरकारी राशन उपलब्ध करवाया जाता है। इसके निरीक्षण व निगरानी के साथ ही संचालन व्यवस्था को देखने के लिए जिला पूर्ति विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन लोगों को बिना किसी समस्या के राशन पहुंचाने की सरकार की मंशा पर विभाग के ही अधिकारी पानी फेर रहे हैं। इसके चलते पूर्ति विभाग को भ्रष्टाचार का अड्डा तक कहा कहा जाता है। सूत्रों की मानें तो इसमें अधिकारी पहले कोटेदार पर दबाव बनाते हैं और अगर कोई कोटेदार उनकी मांग पूरी नहीं करता है तो उसके खिलाफ कोई भी शिकायत आते ही दुकान निलंबित करते हुए अपने हितैषी राशन दुकानदार से संबद्ध कर देते हैं। इसके बाद मिलीभगत का खेल चलने लगता है और इससे आम कार्डधारकों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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यह दुकानें कई महीनों से चल रहीं निलंबित
पुरवा ब्लाक की ग्राम पंचायतों में रतवसिया, सराय मुबारक, ममरेजपुर, अलीपुर मिचौला, लालपुर, अहमदपुर टकटौली, गोबारी, दमियाना, इनायतपुर बर्रा व बिर¨सहपुर शामिल हैं। वहीं बांगरमऊ ब्लाक की ग्राम पंचायतों में बहादुर खेड़ा, कुरसठ ग्रामीण व रूरी सादिकपुर हैं। बीघापुर ब्लाक की धानीखेड़ा ग्राम पंचायत और सुमेरपुर की डिग्गी व बिहार ग्राम पंचायतें भी निलंबित चल रही हैं। बिछिया ब्लाक की जगेथा, कोरारी कलां व शिवपुर ग्राम पंचायतें और सिकंदरपुर सरोसी ब्लाक की सन्नी व सलेमपुर ग्राम पंचायतों के अलावा सिकंदरपुर कर्ण ब्लाक की हड़हा व जगजीवनपुर ग्राम पंचायतें शामिल हैं। इसके अलावा कई अन्य दुकानें भी हैं जो दूसरी राशन दुकान से संबद्ध है।
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जिस दुकान की शिकायत आती है उसकी जांच कराते हैं। शिकायत सही मिलने पर उसके खिलाफ कार्रवाई होती है। लोगों को राशन मिल सके इसलिए उसे पास के कोटे से संबद्ध करते हुए बाद में उसका चयन होता है।-रामेश्वर प्रसाद, डीएसओ।