दवा खाने से नहीं, ह्दय गति रुकने से हुई थी मौत
गलवार को नगर के कटरा में 40 वर्षीय युवक की मौत ह्रदय गति रुकने से हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है। वहीं मामले को लेकर संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य ने टीम के साथ जांच पड़ताल की। इधर मामले को लेकर सड़क जाम कर हंगामा करने को लेकर पुलिस की कार्रवाई की संभावना से ग्रामीणों में खलबली मची हुई है। हालांकि अभी तक पुलिस की तरफ से कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।
संवाद सहयोगी, पुरवा : मंगलवार को नगर के कटरा में 40 वर्षीय युवक की मौत ह्दय गति रुकने से हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई है। वहीं मामले को लेकर संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य ने टीम के साथ जांच पड़ताल की। इधर मामले को लेकर सड़क जाम कर हंगामा करने को लेकर पुलिस की कार्रवाई की संभावना से ग्रामीणों में खलबली मची हुई है। हालांकि अभी तक पुलिस की तरफ से कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।
मंगलवार भोर पहर नगर के वार्ड कटरा में विजय बहादुर (40) की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी, जिसके बाद परिजनों और ग्रामीणों ने फाइलेरिया की दवा खाने से मौत होने का आरोप लगाकर पुरवा-उन्नाव मार्ग पर शव रख कर सड़क जाम कर दी थी। सोमवार देर रात शव का पोस्टमार्टम कराया गया। कोतवाल केएन पांडेय ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ह्दय गति रुकने से मौत होना स्पष्ट हुआ है। बुधवार को शव का बक्सर घाट में अंतिम संस्कार किया। वहीं मंगलवार को बीमार हुए लोगों को देर शाम ही डिस्चार्ज कर दिया। पुरवा सीएचसी के अधीक्षक डॉ प्रमोद कुमार ने बताया कि दवा से प्रभावित होने वाले चार गांवों में स्वास्थ्य टीम भेजी गई थी। आंशिक रूप से घबराहट, सिरदर्द आदि की शिकायतें मिली थी। जिनका निदान कर दिया गया है। भर्ती मरीज भी स्वस्थ होकर चले गए।
----------------
संयुक्त निदेशक ने की मामले की जांच
- घटना को लेकर बुधवार को लखनऊ मंडल के संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य एके त्रिपाठी के साथ डॉ. मानवेन्द्र त्रिपाठी, डॉ धीरज पांडेय सीएचसी पहुंचे। जहां मामले को लेकर अभिलेख देखे और अधीक्षक से दवा खिलाने के प्रशिक्षण के बारे में पूछताछ की। संयुक्त निदेशक ने दवा बांटने वाले वालेंटियर अमरेश से मोबाइल पर दवा देने व खिलाने के बारे में बात की जिसमें अमरेश ने शाम चार बजे अपने सामने विजय बहादुर को दवा खिलाने की बात कही। पूछताछ में अधीक्षक डॉ प्रमोद ने बताया कि मृतक सहित उसके परिजनों में परमेश्वरी और पुत्र विजय ने भी दवा खाई थी। जिन्हें कुछ नहीं हुआ। सयुंक्त निदेशक ने मृतक और फाइलेरिया प्रोग्राम से जुड़े अभिलेखों की फोटो कॉपी अपने पास सुरक्षित की है।
----------------
आशा बहू ने रोया दुखड़ा
- रम्माखेड़ा की आशा बहू रंजीता ने संयुक्त निदेशक के आगे रोते हुए बताया कि उसके द्वारा बांटी गई दवा खाकर गांव की सरोजनी पत्नी नीरज बीमार हो गई। जिसे जिला अस्पताल से हैलट रेफर किया गया था। परिवार के लोगों ने लखनऊ के सिविल अस्पताल में इलाज कराया, जिस पर अब स्वजन मारने पीटने की धमकी के साथ इलाज में खर्च का धन मांग रहे हैं। इस कारण वह गांव जाने में डर रही है। संयुक्त निदेशक ने अधीक्षक से समस्या निस्तारण करने के निर्देश दिए। वहीं संयुक्त निदेशक एके त्रिपाठी ने टीम के साथ ब्लाक के ग्राम एकघरा में निरीक्षण किया।