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भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, जानें क्या लगे हैं आरोप

उन्नाव के माखी गांव की किशोरी के मामले में गिरफ्तार बांगरमऊ विधायक कुलदीप सिंह के खिलाफ सीबीआइ ने पाक्सो एक्ट के तहत चार्जशीट दाखिल की।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 11 Jul 2018 07:02 PM (IST)Updated: Thu, 12 Jul 2018 09:47 AM (IST)
भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, जानें क्या लगे हैं आरोप
भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, जानें क्या लगे हैं आरोप

लखनऊ (जेएनएन)। उन्नाव के भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनकी निकटस्थ शशि सिंह के खिलाफ बुधवार को सीबीआइ ने चार्जशीट कोर्ट में दायर कर दी। सीबीआइ ने दोनों को अपहरण, दुराचार व पाक्सो एक्ट के तहत आरोपी बनाया है। मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। शाम सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश वत्सल श्रीवास्तव की अदालत में सीबीआइ ने आरोप पत्र दाखिल किया। अदालत ने मामले को प्रकीर्ण वाद के रूप में दर्ज कर दिया। सीबीआइ की ओर से दाखिल आरोप पत्र में दोनों आरोपितों पर अपहरण, दुराचार एवं पाक्सो एक्ट का आरोप हैं इस मामले में अन्य आरोपियों के विरुद्ध विवेचना विचाराधीन है। 

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कुलदीप सेंगर और शशि सिंह पर आरोप

  • दुराचार :  सेक्शन तीन और चार पाक्सो एक्ट (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट)
  • आपराधिक साजिश : आइपीसी सेक्शन 120-बी
  • अपहरण : आइपीसी 363-366 
  • धमकी : आइपीसी 506

माखी थाने में दर्ज कराई गई थी रिपोर्ट 

राज्य सरकार की ओर से सीबीआइ जांच की संस्तुति के बाद पीडि़ता की मां द्वारा गत 13 अप्रैल को पुन: माखी थाने पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इसके बाद सीबीआइ ने कुलदीप सिंह सेंगर को गिरफ्तार कर 14 अप्रैल को अवकाश के दिन रिमांड मजिस्ट्रेट सुनील कुमार के समक्ष पेश किया था। सुनवाई के बाद इन्हें पूछताछ के लिए सात दिन की पुलिस रिमांड पर दिया गया था। दोनों आरोपितों की न्यायिक रिमांड की तारीख 13 जुलाई है। उस दिन आरोपितों को जेल से अदालत में पेश किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस प्रकरण को लेकर दायर याचिका पर उच्च न्यायालय सुनवाई कर रहा है तथा विवेचना की निगरानी हो रही है।

शीघ्र जारी होगी एक और चार्जशीट

विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ अभी किशोरी के पिता की हत्या मामले में भी साजिश के आरोप हैं। सूत्रों के मुताबिक जुलाई के तीसरे सप्ताह में हत्या के मामले में भी चार्जशीट दाखिल हो जाएगी। पीड़िता की मांग पर आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उन्नाव जेल से सीतापुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। पीड़िता की तरफ से भाजपा विधायक को उन्नाव जेल से शिफ्ट करने के लिए हाई कोर्ट में भी अपील दायर की गई थी। हाईकोर्ट में अभी अपील लंबित है लेकिन उससे पहले प्रशासन ने कुलदीप को सीतापुर जेल में शिफ्ट कर दिया।उल्लेखनीय है कि इससे पहले सीबीआइ ने उन्नाव में पीड़िता द्वारा लगाए उन आरोपों की पुष्टि कर दी है जिसमें उसने कहा था कि पिछले साल 4 जून को विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उसके साथ मुंह काला किया था, जबकि उस दौरान महिला सहयोगी शशि सिंह कमरे के बाहर पहरा दे रही थी। सेंगर, शशि सिंह और अन्य आरोपियों को सीबीआइ ने इस साल 13-14 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। चौतरफा आलोचना के बीच यूपी सरकार ने मामले की जांच की जिम्मेदारी सीबीआइ को सौंप दी थी।

मजिस्ट्रेट के सामने पेश पांचों आरोपित

उन्नाव कांड की पीडि़ता के पिता की हत्या करने के आरोप में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह सेंगर सहित सभी पांचों आरोपित बुधवार को सीबीआइ की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सपना त्रिपाठी की अदालत में थे। उन्हें चार्जशीट से संबंधित समस्त प्रपत्रों को प्राप्त कराते हुए अदालत ने मामले को विचारण हेतु सत्र अदालत को सिपुर्द करने के लिए आगामी 18 जुलाई की तारीख नियत की है। सीबीआइ ने इस प्रकरण में गत सात जुलाई को कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह उर्फ जयदीप सिंह, विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा, वीरेंद्र सिंह उर्फ बबुआ सिंह, रामशरण सिंह उर्फ सोनू सिंह तथा शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह के विरुद्ध हत्या के आरोप में आरोप पत्र दाखिल किया था। इसे अदालत में प्रकीर्णवाद के रूप में दर्ज कर सुनवाई के लिए 11 जुलाई की तारीख नियत की गई थी।

अदालत में पेशी और सुनवाई 

आज सभी आरोपितों को जेल से अदालत में पेश किया गया तथा सुनवाई के बाद अपराध का प्रसंज्ञान लेकर उन्हें चार्जशीट एवं केस डायरी की नकलें दी गईं। आरोप है कि पीडि़ता की मां द्वारा गत 12 फरवरी को विधायक कुलदीप सिंह के विरुद्ध उन्नाव की अदालत में अर्जी दी थी, जिसकी पैरवी के लिए पीडि़ता के पिता अदालत गए थे। अदालत से वापस आते समय रास्ते में सभी आरोपितों ने मिलकर उन्हें बुरी तरह से रायफल एवं रिवाल्वर की बट से मारा, जिसके कारण उन्हें काफी चोटें आईं थीं। इसके बाद आरोपियों ने पीडि़ता के पिता को घायल अवस्था में पिस्तौल रखने के आरोप में जेल भेजवा दिया। हालत गंभीर होने के कारण उन्हें आठ अप्रैल को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। अगले दिन नौ अप्रैल को इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। 


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