उन्नाव कांडः अब हत्या के षड्यंत्र में विधायक को रिमांड पर लेने की तैयारी
विधायक कुलदीप सेंगर को जेल भेजने के बाद सीबीआइ उसके पिता की हत्या में षड्यंत्र के आरोप में रिमांड पर लेने की तैयारी में है। उधर जेल में 'डमी मिलाई ' से विधायक का दरबार सज रहा है।
उन्नाव (जेएनएन)। माखी कांड में पीडि़ता के मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को जेल भेजने के बाद सीबीआइ अब उसके पिता की हत्या में षड्यंत्र के आरोप में रिमांड पर लेने की तैयारी में लग गई है। माना जा रहा है कि सीबीआइ यह कार्रवाई शीघ्र ही पूरी कर सकती है। सोमवार से मंगलवार के बीच कभी भी सीबीआइ विधायक की रिमांड ले सकती है या फिर सीबीआइ कोर्ट का बी वारंट पाक्सो कोर्ट में दाखिल कर विधायक को लखनऊ ले जा सकती है। इस बीच जेल में विधायक दरबार सज रहा है। जेल प्रबंधन ने विधायक के खास लोगों को अंदर लेने के लिए 'डमी मिलाई' का खेल खेला।
दो मई तक कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट
माखी कांड में पीडि़ता के पिता की हत्या में विधायक के भाई अतुल सेंगर समेत पांच आरोपितों को जेल भेजा जा चुका है। पीडि़ता ने विधायक और उनके करीबियों पर पिता की हत्या का षड्यंत्र रचने की तहरीर दी थी। सीबीआइ पीडि़ता के पिता की हत्या और हत्या से पूर्व उस पर दर्ज कराए मुकदमे की जांच कर रही है। पाक्सो एक्ट मामले में सीबीआइ ने विधायक और सहयोगी को पूछताछ के बाद शुक्रवार को जेल भेजा था। पीडि़ता के पिता की हत्या के षड्यंत्र में विधायक और उसके करीबियों की किस हद तक भूमिका रही, इसकी जांच कर रही सीबीआइ टीम ने विधायक से डाक्टर और पुलिस कर्मियों के बीच बातचीत की कॉल डिटेल के साथ अन्य साक्ष्य जुटा लिए हैं। दो मई तक सीबीआइ को अब की जांच और साक्ष्यों के साथ कार्रवाई की प्रगति रिपोर्ट हाईकोर्ट में दाखिल करनी है। इसके चलते सीबीआइ हत्या के षड्यंत्र में विधायक की रिमांड की तैयारी कर रही है।
जेल के 'खेल ' अंकुश नहीं
विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से जेल में मिलने रविवार को उनके समर्थक पहुंचेंगे, यह बात जेल प्रशासन को अच्छी तरह से मालूम थी। कोई कार्य नियम विरुद्ध न हो और समर्थक भी मायूस न हों, इसका जेल प्रशासन ने ख्याल रखा। पहले से ही तैयार योजना का समर्थकों को पूरा लाभ मिला और जेल में विधायक का दरबार लगा। जेल प्रबंधन ने विधायक के खास लोगों को अंदर लेने के लिए 'डमी मिलाई' का खेल खेला। कागजों में तो मिलने वालों की संख्या तीन रही लेकिन, इस खेल में कई करीबियों को चेहरा दिखाने और मुसीबत में विधायक का खास बनने का मौका मिल गया।
मुलाकातियों में एक तिहाई विधायक समर्थक
रविवार को दो पालियों में बंदियों और कैदियों से मिलने कुल 242 लोग पहुंचे। जेल प्रशासन का दावा है कि इस दौरान नियमानुसार विधायक से महज तीन लोगों को मिलने दिया गया। इस दावे से इतर खेल कुछ और ही खेला गया। सूत्रों के मुताबिक मिलाई करने वाले 242 लोगों में एक तिहाई विधायक के ही समर्थक थे। इन्हें दूसरे बंदियों से मिलाई की पर्ची देकर जेल के अंदर लिया गया। जेल प्रबंधन ने दूसरे बंदियों से मिलाई की पर्चियां काटी, वो थीं तो उनके रिश्तेदारों या सहयोगियों के नाम की लेकिन, मिलाई विधायक के समर्थकों ने की। सभी को कैमरों की जद से बचाते हुए विधायक तक ले जाया गया।
बड़बोलेपन ने खोली कलई
जेल में विधायक से मिलकर निकले समर्थकों के अति उत्साह और आपसी चर्चा ने जेल प्रबंधक के खेल की कलई खोलकर रख दी। उनकी आपसी चर्चा को किसी तीसरे ने सुन लिया और यह बात सार्वजनिक कर दी। सीबीआइ जांच के बीच जेल प्रशासन के विधायक के इशारों पर नाचने की चर्चा दिन भर चर्चा बनी रही। शुक्रवार को विधायक के जेल भेजे जाने के साथ ही उनके कुछ करीबियों को जुगाड़ से अंदर प्रवेश दिलाया गया था।
शशि सिंह से मिले पति
जेल में बंद विधायक की सहयोगी शशि सिंह के पति हरिपाल सिंह भी रविवार को पत्नी से मिलने पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक वह करीब आधा घंटा जेल में रहे। विधायक से जेल से मिलने के लिए जेल परिसर में भीड़ बढ़ेगी, पुलिस अफसरों ने इस अंदेशे पर जेल चौकी पुलिस के साथ वहां पीएसी को भी अलर्ट किया था। सुबह से ही चौकी प्रभारी प्रमोद दुबे चौकी पहुंच गए और मिलाई का वक्त समाप्त होने तक वहीं डटे रहे। पुलिस भी जेल प्रबंधन के खेल को नहीं समझ पाई।