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उन्नाव कांड में पीड़िता के नाना, मामा और चाचा से पूछताछ

उन्नाव कांड में 11 जून, 2017 मामले की छानबीन में जुटी सीबीआइ ने रविवार को दिनभर दौड़ भागकर साक्ष्य जुटाने के लिए हाथ पांव मारे

By Nawal MishraEdited By: Published: Sun, 06 May 2018 10:50 PM (IST)Updated: Sun, 06 May 2018 10:50 PM (IST)
उन्नाव कांड में पीड़िता के नाना, मामा और चाचा से पूछताछ
उन्नाव कांड में पीड़िता के नाना, मामा और चाचा से पूछताछ

उन्नाव (जेएनएन)। उन्नाव कांड में 11 जून, 2017 मामले की छानबीन में जुटी सीबीआइ ने रविवार को दिनभर दौड़ भागकर साक्ष्य जुटाने के लिए हाथ पांव मारे। एक बार फिर पीडि़ता की मां से उसी घटना का बयान लेने के लिए सीबीआइ पहुंची। करीब आधा घंटे तक बंद कमरे में बयान हुए। किशोरी के नाना, मामा और चाचा के देर शाम किसी दूसरे स्थान पर बयान दर्ज किए गए। 11 जून को दी गई तहरीर से जुड़े बिंदुओं के अलावा किशोरी की उम्र से जुड़े साक्ष्य पर सवाल किए गए। सीबीआइ दोपहर में माखी गांव में विधायक के घर भी गई जहां उनके नौकरों से भी पूछताछ की गई। 

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रविवार को सीबीआइ की एक टीम सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस पहुंची। जहां टीम ने पीडि़त किशोरी से करीब आधा घंटे तक बात की। 11 जून की घटना को लेकर पाक्सो कोर्ट में डाले गए 173/8 प्रार्थना पत्र को लेकर पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक पीडि़ता ने सीबीआइ के सामने उक्त प्रार्थना पत्र देने से इन्कार करते हुए इसे विपक्ष की साजिश बताया। इसके बाद शाम को सीबीआइ ने रायबरेली जिला निवासी पीडि़ता के नाना और मामा के अलावा चाचा को भी शहर में ही बनाए गए अपने किसी ठिकाने पर बुलाकर बयान लिया। नाना और मामा से पीडि़ता की उम्र से जुड़े साक्ष्य और उसकी शिक्षा दीक्षा के संबंध में जानकारी हासिल की। चाचा से भी सवाल किए गए।  

फिर परिवार ने बताया, पुलिस ने दर्ज की अपने मन से रिपोर्ट

सूत्रों के मुताबिक, 11 जून 2017 को दर्ज मामलों को लेकर न्यायालय में प्रार्थना पत्र को लेकर परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि ऐसा कोई प्रार्थना पत्र नहीं दिया गया है। उस पर दर्ज राटिंग और अंगूठे का निशान भी उनके परिवार के किसी सदस्य का नहीं है। जो तहरीर उन्हें देनी थी, वह माखी पुलिस ने नहीं ली, न ही किसी अन्य अधिकारी ने। 

पीडि़ता और उसका परिवार आज जाएगा सीबीआइ कोर्ट 

सूत्रों के मुताबिक, पीडि़त किशोरी और उसका परिवार सोमवार को लखनऊ स्थित सीबीआइ कोर्ट बुलाया गया है। जहां उन्हें सुबह अपना अपना बयान दर्ज करना है। इसमें पीडि़त किशोरी के साथ ही उसकी मां, दादी, चाचा व अन्य लोग सुबह करीब नौ बजे ही लखनऊ के लिए रवाना होंगे। 

तीन दिन के लिए दिल्ली जाएगा परिवार 

पीडि़त किशोरी और उसके चाचा ने डीएम रवि कुमार एनजी और एसपी हरीश कुमार को एक प्रत्यावेदन देकर तीन दिन के लिए दिल्ली जाने की अनुमति मांगी है। आठ से 10 मई तक के लिए मांगी गई अनुमति में परिवार ने सुरक्षा इंतजाम भी उपलब्ध कराने की मांग भी की है। उनके जाने आने के लिए बस का इंतजाम इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग संगठन ने किया है। बताते चलें कि करीब एक सप्ताह पहले मुस्लिम लीग केरल के संगठन से जुड़े पदाधिकारियों ने पीडि़त परिवार से मुलाकात की थी और उन्हें नौ मई को दिल्ली बुलाकर कुछ मदद करने को कहा था। 

जेल अधिकारियों की कॉल डिटेल पर नजर

उन्नाव के माखी कांड में जांच की प्रगति रिपोर्ट पर हाइकोर्ट की नाराजगी के बाद सीबीआइ अब हर एक ङ्क्षबदु पर गंभीरता से जांच कर रही है। पीडि़ता के पिता की हत्या में कौन-कौन लोग दोषी हैं, आरोपितों को बचाने और मदद में किन-किन लोगों की भूमिका रही, इस पर सीबीआइ टीम ने पूरा ध्यान केंद्रित किया है। जेल अधिकारियों की संलिप्तता की चर्चा पर सीबीआइ ने उनकी कॉल डिटेल खंगालनी शुरू कर दी है, वर्तमान की कॉल डिटेल पर भी नजर बनाए है।


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