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इलाज का भुगतान न होने से आयुष्मान लाभार्थियों के इलाज से तौबा

जागरण संवाददाता, उन्नाव : आयुष्मान योजना के तहत जिले में 18 निजी अस्पताल चयनित हैं। इनमें अब तक

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Jan 2019 07:32 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jan 2019 07:32 PM (IST)
इलाज का भुगतान न होने से आयुष्मान लाभार्थियों के इलाज से तौबा
इलाज का भुगतान न होने से आयुष्मान लाभार्थियों के इलाज से तौबा

जागरण संवाददाता, उन्नाव : आयुष्मान योजना के तहत जिले में 18 निजी अस्पताल चयनित हैं। इनमें अब तक 75 मरीजों का इलाज हो चुका है लेकिन एक का भुगतान हुआ है। इससे प्राइवेट अस्पताल अब आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज करने से हाथ खड़ा करना शुरु कर दिया है। अस्पताल संचालक भुगतान पाने के लिए सीएमओ कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं लेकिन उन्हें कोई यह भी नहीं बता पा रहा है कि भुगतान कब मिलेगा।

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आयुष्मान योजना के तहत जिला महिला और पुरुष अस्पताल, नौ सीएचसी और 18 नर्सिंगहोम पंजीकृत हैं। जहां आयुष्मान कार्डधारकों को पांच लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई है। नर्सिंगहोम में अब तक जिले के नर्सिंगहोमों में 75 मरीजों का उपचार हो चुका है। निजी अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक सिर्फ एक मरीज का अब तक भुगतान हो सका है। अघोषित रूप से अब अस्पताल संचालक आयुष्मान कार्डधारकों का इलाज करने से कतरा रहे हैं। संचालकों ने सीएमओ को पत्र देकर भुगतान कराने की मांग भी उठाई है। लेकिन सीएमओ डॉ. लालता प्रसाद ने तीन कमेटी द्वारा प्रमाणित करने के बाद राज्य स्तर से भुगतान होने की बात कह पल्ला झाड़ लिया।

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75 का इलाज भुगतान महज एक का

आशा सुपर स्पेशलिटी हास्पिटल में 19, सरस्वती मेडिकल कालेज में 18, श्रीराममूर्ति हास्पिटल में सात, पुष्पा हास्पिटल में चार, कृष्णा नर्सिंगहोम में 18, कृष्णलोक हास्पिटल में चार, उन्नाव मेडिकल सेंटर में पांच मरीजों का इलाज किया गया। जिले के सात निजी नर्सिंगहोम और अस्पताल में कुल 75 मरीजों का इलाज हुआ पर भुगतान सरस्वती मेडिकल कालेज में इलाज कराने वाले एक मरीज का हुआ।

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त्रिस्तरीय कमेटी करती अप्रूवल

आयुष्मान योजना के तहत भुगतान के लिए तीन कमेटियां फाइनेंसियल, टेक्निकल और मेडिकल कमेटी गठित हैं। इलाज के बाद जो रिपोर्ट भेजी जाती है उसका तीनों कमेटियां अप्रूवल कर भुगतान करने की संस्तुति करती है उसके बाद भुगतान होता है।

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नर्सिंगहोम संचालकों ने भुगतान के लिए पत्र दिया है। राज्य स्तरीय कमेटी प्रभारी से बात करने का प्रयास किया था लेकिन बात नहीं हो पाई। भुगतान क्यों लंबित है इसकी जानकारी करने के साथ ही निजी अस्पताल संचालकों का मांग पत्र राज्य आयुष्मान कमेटी को भेजा जाएगा।

- मानस पांडेय, जिला समन्वयक आयुष्मान


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