उन्नाव कांडः विधायक के भाई को उन्नाव जेल लाने की संभावना को लेकर बढ़ी सतर्कता
उन्नाव कांड में आरोपितों की रिमांड खत्म होने के बाद सुबह से ही पांचों को वापस उन्नाव जिला जेल लाने की चर्चाएं हैं। इसको लेकर जिला व जेल प्रशासन अलर्ट रहा।
उन्नाव (जेएनएन)। उन्नाव कांड में आरोपितों की रिमांड खत्म होने के बाद सुबह से ही पांचों को वापस उन्नाव जिला जेल लाने की चर्चाएं हैं। इसको लेकर जिला व जेल प्रशासन अलर्ट रहा। हालांकि देर रात तक आरोपितों को जेल नहीं लाया गया। पीडि़त किशोरी के पिता की तीन अप्रैल को पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले में विधायक के भाई अतुल सिंह समेत पांच लोगों को आरोपित बनाया गया था। पांच दिन पूर्व उन्हें जिला जेल से सीबीआइ रिमांड पर लखनऊ ले गई थी। रविवार को उनकी रिमांड अवधि सुबह 10 बजे पूरी हो गई। इससे उनके वापस जिला जेल आने की अटकलें लगने लगीं। इसे देखते हुए पुलिस और जेल अधिकारी पूरा दिन मुस्तैद रहे। देर रात जेल अधीक्षक एके सिंह ने आरोपितों को उन्नाव जेल न लाए जाने की पुष्टि की। बताया कि इस बाबत अभी कोई आदेश या सूचना नहीं है।
चाची के बयान पर टिकी सबकी निगाहें
मामले में पीडि़ता की चाची को सीबीआइ ने तलब किया है। उसे लेकर रविवार को पीडि़ता के चाचा यहां नहर निरीक्षण भवन में पहुंच गए। पूरे दिन उसकी चाची के बयान लिए जाने की चर्चाओं के बीच सीबीआइ के आने की संभावना थी। लेकिन रविवार को सीबीआइ नहीं पहुंची। अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि सीबीआइ उन्हें सोमवार को बयान के लिए लखनऊ ले जाएगी।
तमाम साक्ष्य लेकर पहुंचे चाचा
विधायक प्रकरण की जांच कर रही सीबीआइ को रविवार सुबह दिल्ली से लौटे किशोरी के चाचा कुछ अहम साक्ष्य भी दे सकते हैं। चाचा ने सीबीआइ को बताया था कि उनके पास दिल्ली स्थित मकान में कुछ गोपनीय साक्ष्य सुरक्षित रखे हैं। इनमें घटना में शामिल लोगों के आडियो और वीडियो क्लिप की कई सीडी और पेनड्राइव हैं। इनमें घटना के बाद से 10 अप्रैल के बीच विधायक, उनके सहयोगियों और पुलिस अधिकारियों की चाचा से हुई बातचीत के प्रमाण भी शामिल हैं। इन्हीं साक्ष्यों को लेने के लिए किशोरी के चाचा सीबीआइ के साथ बीते शुक्रवार को दिल्ली गए थे। जहां से उनके साथ दिल्ली में रह रही पत्नी व बच्चे को साथ लेकर यहां सुबह करीब पांच बजे सिंचाई विभाग के निरीक्षण भवन पहुंचे।
तीन युवकों की सीबीआइ को तलाश
सीबीआइ को अब तीन युवकों की तलाश है, जिनके खिलाफ दुष्कर्म पीडि़ता को अगवा करने का मुकदमा 11 जून, 2017 को दर्ज हुआ था। पुलिस ने तीनों युवकों को जेल भेज दिया था, जिन्हें जमानत पर कुछ वक्त पहले ही छोड़ा गया था। बीते दिनों किशोरी के पिता की मौत के बाद गरमाए मामले में हाईकोर्ट ने तीनों युवकों की जमानत निरस्त कर उन्हें गिरफ्तार करने के आदेश दिए थे लेकिन, माखी पुलिस ने मामले की जांच सीबीआइ द्वारा किए जाने की वजह हाथ खींच लिए हैं। हाईकोर्ट का निर्देश आने के बाद से युवक अपने अपने घरों से भी गायब हैं। अब सीबीआइ उन्हें ढूंढ़ रही है। सीबीआइ ने युवकों के परिवारीजन को उन्हें हाजिर करने को कहा है। बताते हैं कि अभी करीब एक दर्जन लोगों से सीबीआइ को और पूछताछ करनी है जिनमें यह तीनों युवक भी शामिल हैं।