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उन्नाव में मुआवजा को लेकर पुलिस और किसान में भिड़ंत, किसानों के पथराव से CO सिटी घायल

ट्रांस गंगा सिटी में मुआवजे की मांग को लेकर करीब पांच-छह सौ किसानों ने यूपीसीडा के अधिकारियों का घेराव कर तोड़फोड़ की।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 12:59 PM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 04:22 PM (IST)
उन्नाव में मुआवजा को लेकर पुलिस और किसान में भिड़ंत, किसानों के पथराव से CO सिटी घायल
उन्नाव में मुआवजा को लेकर पुलिस और किसान में भिड़ंत, किसानों के पथराव से CO सिटी घायल

उन्नाव, जेएनएन। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण के ड्रीम प्रोजेक्ट उन्नाव ट्रांस गंगा सिटी में मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने आपा खो दिया। शनिवार सुबह किसान सड़क पर उतर आए और जमकर उपद्रव किया। किसानों ने जेसीबी, कार और बस में तोड़फोड़ की। 13 थानों की फोर्स ने पहुंचकर स्थिति काबू में करने का प्रयास किया तो उग्र किसानों ने पथराव कर दिया।

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आदेश मिलते ही जवाब में पुलिस फोस ने लाठी चार्ज और आंसू गैस के गोले दागकर किसानों को तितर-बितर किया है। पथराव में सीओ सहित चार सिपाही घायल हुए हैं। वहीं माहौल तनाव पूर्ण बना है, एक छोर पर किसान लाठी-डंडे लेकर डटे हैं तो दूसरी ओर सशस्त्र पुलिस बल मोर्चा लेने को तैनात है। डीएम देवेंद्र कुमार पाण्डेय किसान नेताओं के साथ वार्ता कर रहे हैं।

 

पुलिस चारों ओर से घेर कर किसानों पर कर लाठी चार्ज रही है । किसान नेता  वीएन पाल  को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उनके सिर पर भी चोट लगी है। वीडियो बना रहे मीडियाकर्मियों को पुलिस ने लाठियां बरसा कर दौड़ाया। किसानों का आरोप है कि वर्ष 2005 में बगैर समझौते के उनकी जमीनों को अधिगृहित कर लिया गया था, लेकिन बदले में हमें उसका मुआवजा नहीं दिया जा रहा। इसके विरोध में हम सड़क पर उतरे हैं।

कानपुर सीमा से सटे उन्नाव में ट्रांस गंगा सिटी में मुआवजे की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन भड़क गया है।शनिवार की सुबह किसान नेता हरेंद्र निगम व सुरेंद्र यादव के नेतृत्व में करीब पांच-छह सौ किसानों ने यूपीसीडा के अधिकारियों का घेराव कर नारेबाजी करते हुए तोड़फोड़ की। इस दौरान बस, कार और एक जेसीबी को तोड़ दिया गया, जिसमें जेसीबी चालक घायल हो गया। किसानों ने सड़क पर हंगामा करने के साथ आगजनी की कोशिश की। यूपीसीडा के चीफ इंजीनियर संदीप चंंद्रा का घेराव कर काम बंद कराने के लिए मजदूरों को भगाना शुरू कर दिया। 

किसानों के बेकाबू होने पर एक प्लाटून पीएसी के साथ 13 थानों की पुलिस फोर्स को मौके पर पहुंच गई। मजदूरों को यूपीसीडा के कार्यालय में बैठा दिया गया। ट्रांस गंगा सिटी में घुसे आंदोलनकारी किसानों को पुलिस ने बाहर निकाला। इससे नाराज किसानों ने गंगा बैराज मार्ग पर जाम लगा दिया। यूपीसीडा के अधिकारियों  से जानकारी मिलते ही डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय पहुंच गए और किसानों से वार्ता का प्रयास किया। एक छोर पर डटे किसानों ने पथराव शुरू कर दिया। 

पथराव में सीओ और चार सिपाही जख्मी हो गए। इसके बाद साइट आफिस में प्रशासनिक अफसरों की बैठक के बाद निर्देश मिलते ही पुलिस और पीएसी ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दाग कर भीड़ को तितर बितर किया है। पुलिस ने आंदोलन के अगुवाई कर रहे किसान नेता वीएन पाल को हिरासत में ले लिया है। वीडियो बना रहे मीडियाकर्मियों को भी पुलिस ने खदेड़ दिया। यूपीसीडा के चीफ इंजीनियर संदीप चंद्र ने बताया कि शुक्रवार को डीएम के साथ हुई बैठक के बाद शनिवार से निर्माण कार्य शुरू होना था। इसके लिए मजदूरों को लाया गया है लेकिन किसानों के आंदोलन के कारण काम शुरू नहीं हो सका है।

2003 में बनी थी ट्रांसगंगा हाई टेक सिटी योजना

वर्ष 2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल में ट्रांस गंगा हाई टेक योजना बनी थी। उस समय किसानों की जमीन का मुआवजा इतना कम था कि उन्होंने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं ली थी। बाद में 2007 में जब प्रदेश में बीएसपी की सरकार बनी तो मुआवजे की दर 2.51 लाख रुपये से बढ़ाकर 5.51 लाख रुपये कर दी गई। यूपीएसआईडीसी योजना के तहत भूमि अधिग्रहण का काम वर्ष 2012 तक नहीं कर पाई। इसके बाद 2012 में जब फिर से समाजवादी पार्टी की सरकार बनी तो विभाग ने किसानों की जमीन अधिग्रहण का काम शुरू कर दिया। इसके विरोध में किसान सड़क पर उतर आये। किसानों की मांग थी कि पूर्व में जो दरें लागू की गई थीं, वो वर्तमान में बहुत कम हैं। मुआवजे की राशि को बढ़ाया जाए।


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