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24 घंटे में 35 मिमी बारिश बनी आफत, अधिकांश नाले चोक

जागरण संवाददाता उन्नाव पिछले 24 घंटे में हुई बारिश के बाद शहर के गली मोहल्ले जलभरा

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 11:58 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 11:58 PM (IST)
24 घंटे में 35 मिमी बारिश बनी आफत, अधिकांश नाले चोक
24 घंटे में 35 मिमी बारिश बनी आफत, अधिकांश नाले चोक

जागरण संवाददाता, उन्नाव : पिछले 24 घंटे में हुई बारिश के बाद शहर के गली मोहल्ले जलभराव की चपेट में आ गए। कारण नाले नालियां चोक हैं। उनकी सफाई के लिए अब तक नगर पालिका की तरफ से कोई इंतजाम नहीं किया गया। ऐसे में बारिश कारण नालों से उफनाया पानी लोगों के घरों के अंदर तक पहुंच गया। गलियां नालियों के कीचड़ से पटी पड़ी हैं। एक तरफ लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो रहा है तो दूसरी तरफ नगर पालिका प्रशासन बजट न होने का रोना रोते हुए मौन है।

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शहर के छोटे बड़े करीब 73 नालों की सफाई प्रत्येक वर्ष नगर पालिका कराती है। उधर 2018 में तत्कालीन मंडलायुक्त लखनऊ ने एक आदेश किया था कि मानसून आने से पहले नालों को पालीथिन मुक्त कर दिया जायेगा। अन्यथा इसके लिए सीधे तौर पर ईओ जिम्मेदार होंगे। इसके बाद भी शहर के नालों की सफाई का काम अब तक शुरू नहीं हुआ। गुरुवार रात से शनिवार सुबह तक हुई बारिश के कारण शहर की अधिकांश गलियों गालियों के पानी से भरी हैं। कीचड़ के कारण लोगों का निकलना मुश्किल हो गया है। शहर के कब्बा खेड़ा, किला, गदियाना, छिपियाना, किशोरीखेड़ा, अनवार नगर, क्वेटा तालाब, नारेंद्र नगर, शिव नगर, पीतांबर नगर, कृष्णापुरम, धवन रोड, बड़ा चौराहा, सिविल लाइन, अकरमपुर में पानी भरा रहा। नगर पंचायतों में भी यही हालात रहे। हर गली मोहल्ले में पानी भरा रहा। जिससे लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ा। गंजमुरादाबाद में हरदोई-उन्नाव मार्ग से बांगरमऊ पावर हाउस जाने वाला मुख्य मार्ग कुंदन रोड पर पानी भर गया। फतेहपुर चौरासी के ऊगू के गुलरिया, काली मिट्टी-सादुल्लापुर मार्ग तालाब में तब्दील हो गई है। जिससे आवागमन करने वालों को दिक्कत हो रही है। वहीं काली मिट्टी से रेलवे स्टेशन तक सड़क में भी पानी भर गया। दुकानदार प्रकाश, वीरेंद्र ने बताया कि सड़क बनवाने की मांग प्रशासन से की है। लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। जेई नागेन्द्र ने बताया कि सड़क उनके क्षेत्र में नहीं आती है। ऐसा मात्र 24 घंटे की बारिश से हो गया है। ईओ नगर पालिका आरपी श्रीवास्तव का कहना है कि बजट का अभाव होने के कारण विभागीय तौर पर ही सफाई कराई जा रही है। एबी नगर, कालेज रोड आदि क्षेत्रों में सफाई का काम पूरा हो गया है। अन्य क्षेत्रों में भी जल्दी ही इसे पूरा कराने का प्रयास किया जा रहा है।

पुलिया के कार्य में आई रुकावट

फतेहपुर चौरासी : काली मिट्टी शिवराजपुर मार्ग पर हो रहे लघु सेतु के निर्माण में बारिश ने खलल डाला। जिससे कार्य में रुकावट आई। करीब साढ़े तीन वर्ष से पुलिया का निर्माण कार्य नहीं हुआ था।

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अंडरपाथ में भरा पानी, निकलने में ग्रामीणों को दिक्कत

फतेहपुर चौरासी : अंडर पाथ में पानी भरने से लोगों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे के द्वारा अंदर पाथ से पानी निकलने की समुचित व्यवस्था ना होने के कारण यह समस्या उत्पन्न हो रही है। अधिकारियों ने कोई भी संज्ञान नहीं लिया। जिससे पानी अभी तक भरा हुआ है।

गेहूं तिरपाल से ढका होने के बाद भी भीगा

उन्नाव : लगातार तीसरे साल पश्चिम से आने वाला मानसून जिले में बरसना शुरू हो गया है। 24 घंटे में 35 एमएम बारिश हुई जिससे गली-मोहल्ले, तालाब पानी से लबालब हो गए। खेतों में पानी भरने से धान की नर्सरी और रोपाई करने में किसानों को खासी मदद होगी। हालांकि पिपरमिट के खेतों में पानी भरने से किसान परेशान हैं। कई क्रय केंद्रों पर बाहर रखा गेहूं तिरपाल से ढका होने के बाद भी बारिश में भीग गया। करीब 200 बोरी गेहूं भीगने का संभावना जताई जा रही है। पिछले दो दिनों से बारिश का सिलसिला जारी है। शुक्रवार रात दो बजे से पानी बरसा जो शनिवार सुबह छह बजे तक जारी रहा। इसके बाद दोपहर एक बजे तक रिमझिम बारिश होती रही। मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता का कहना है कि मानसून सक्रीय हो चुका है। अगले 24 घंटे में मध्यम के साथ तेज बारिश की संभावना है।

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पिपरमिट के किसानों को नुकसान

फतेहपुर चौरासी में बारिश से जहां एक और किसानों के चेहरे खिले तो वही पिपरमेंट के किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है जिसके कारण किसान मायूस है। क्षेत्र के किसानों ने पिपरमिट पिराई के लिए ग्लू भट्ठियां लगाई है। साथ ही पिपरमिट को काटकर खेत में डाल दिया था लेकिन बारिश से किसान परेशान हैं। बारिश से सारा ईंधन भी भीग गया और साथ हा ग्लू भट्ठियां भी बंद हो गई है। रूपेश, जितेंद्र, संतकुमार, रामकुमार आदि किसानों ने बताया कि पिपरमिट खेतों में कटी पड़ी है। बारिश से अब पिपरमिट में तेल कम निकलेगा।

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बारिश में खरीफ की फसल के लिए किसानों को सिचाई के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। जून में मानसून आने धान की नर्सरी के साथ खेतों की अच्छी तरह से रोपाई हो सकेगी।

केके मिश्रा, जिला कृषि अधिकारी

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