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एंबुलेंस कर्मियों का कार्य बहिष्कार, मरीज रहे परेशान

विभिन्न मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मियों का धरना-प्रदर्शन।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 12:28 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 12:28 AM (IST)
एंबुलेंस कर्मियों का कार्य बहिष्कार, मरीज रहे परेशान
एंबुलेंस कर्मियों का कार्य बहिष्कार, मरीज रहे परेशान

सुलतानपुर : विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलनरत एंबुलेंस कर्मियों ने सोमवार को चक्का जाम कर काम का बहिष्कार किया। वहीं, एंबुलेंस नहीं चलने से जिला अस्पताल से लेकर सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक के गंभीर मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ा। ऐसे में रेफर किए गए मरीजों व उनके तीमारदारों को निजी वाहन से अस्पताल पहुंचने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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जीवनदायिनी एंबुलेंस संगठन के तत्वावधान में कर्मचारी विभिन्न मांगों को लेकर 23 जुलाई से धरना दे रहे हैं। संगठन की तरफ से 26 जुलाई से चक्का जामकर कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी गई थी। संघ की मांग है कि एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एंबुलेंस पर कार्यरत कर्मचारियों को कंपनी के बदलने पर हटाने की बजाए उन्हें समायोजित किया जाना चाहिए।

संगठन के प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पांडेय ने बताया कि संबंधित कंपनी व सरकार के ढुलमुल रवैये से एंबुलेंस कर्मियों की नौकरी पर तलवार लटक रही है। ठेकेदारी प्रथा से मुक्ति दिलाने के साथ नेशनल हेल्थ मिशन के अधीन किए जाने तक मिनिमम वेज, चार घंटे की ओटी व प्रतिवर्ष महंगाई भत्ता भी मांगों में शामिल है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष जंग बहादुर वर्मा ने भी धरनास्थल पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दिया।

प्रोग्राम मैनेजर 108 एंबुलेंस सेवा सुमित प्रताप सिंह ने बताया कि एंबुलेंस कर्मियों के हड़ताल से मरीजों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए 102 एंबुलेंस की दस गाड़ियों को जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी पर लगाया गया था। इमरजेंसी के लिए पांच गाड़ियों को रिजर्व भी रखा गया है।

इमरजेंसी सेवा के लिए लगाई गई 10 एंबुलेंस :

जिले में 102 की 39, 108 की 33 व एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) की चार एंबुलेंस मौजूद हैं। इनमें से 102 की दस एंबुलेंस ही सोमवार को संचालित की गई। जिला अस्पताल में दो व लम्भुआ, पीपी कमैचा, बल्दीराय, कूरेभार, दोस्तपुर, अखंडनगर, कुड़वार सीएचसी पर एक-एक एंबुलेंस की गाड़ियां तैनात की गई हैं। एक एंबुलेंस से जयसिंहपुर व मोतिगरपुर सीएचसी पर आने वाले गंभीर मरीजों को सुविधा प्रदान करने के लिए लगाया गया था।

ई-रिक्शा से पहुंचे अस्पताल :

वाराणसी हाईवे पर स्थित ढकवा गांव की रामरती गंभीर रूप से बीमार थीं। एंबुलेंस के लिए परिवारजन ने फोन किया तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई। एंबुलेंस नहीं मिलने पर परिवारजन ई-रिक्शा से लेकर उन्हें जिला अस्पताल पहुंचे। अलीगंज के धर्मेद्र को भी निजी वाहन से जिला अस्पताल पहुंचना पड़ा। कादीपुर सीएचसी से जिला अस्पताल रेफर किए गए मरीज को भी एंबुलेंस नहीं मिल सकी। काफी मान-मनौव्वल के बाद भी उनकी मदद नहीं हो सकी।


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