कोटा संचालन व बिल कलेक्शन का जिम्मा संभालेंगी महिलाएं
हर समूह में करीब 16 महिलाओं का चयन किया जाएगा। वहीं गांववार आवंटन होगा।
संजय तिवारी, सुलतानपुर
नारी सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन ने एक नई पहल की है। रिक्त पड़े सरकारी उचित दर की दुकानों के संचालन की जिम्मेदारी समूह के महिलाओं को दी जाएगी। हर ब्लॉक में वह बिजली का बिल भी वसूल करेंगी। इसके लिए समूह के चयन का काम शुरू हो गया है। यह काम राज्य आजीविका मिशन की सहभागिता से पूरा किया जाएगा। महिलाओं के लिए यह नया अनुभव होगा। साथ ही अपना हुनर दिखाने का एक अवसर। इससे जहां वह सभी धनार्जन कर आत्मनिर्भर बनेंगी वहीं दूसरी महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का काम करेंगी।
224 समूह की जरूरत, 112 का चिन्हांकन : बिजली बिल वसूलने के लिए जिले में 224 समूहों की जरूरत है। जिसमें से 112 समूहों का चिन्हांकन हो चुका है। जिले स्तर पर एक नोडल क्लस्टर लेबल फेडरेशन संकुल का गठन भी हो गया है। इसके लिए दूबेपुर की शिक्षा प्रेरणा महिला संघ को संकुल नामित किया गया है। बिजली विभाग में इसका पंजीयन भी एजेंट के रूप में कराया गया है।
ऐसे करेंगे काम : एक समूह में 15-16 महिलाएं होंगी। उन्हें गांव आवंटित किए जाएंगे। मशीन के जरिए उपभोक्ताओं का बिल निकालकर वह उनसे धन एकत्र करेंगी। जिला प्रबंधक नीरज श्रीवास्तव कहते हैं कि बिजली विभाग इनका आईडी जनरेट करेगा। जिसके जरिए प्रक्रिया को पूरा करेंगी। प्रति बिल इन्हें बीस रुपये का कमीशन दिया जाएगा। 2000 रुपये से अधिक के कलेक्शन पर एक प्रतिशत अतिरिक्त कमीशन प्राप्त होगा।
ऐसे होगा कोटा का संचालन : 12 विकास खंडों में मौजूदा वक्त में 24 दुकानें रिक्त, एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के लिए, शेष 23 अनुसूचित जाति एवं जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए है। इन सभी राशन की दुकानों को संचालित करने के लिए 31 समूहों का चयन हो चुका है। ग्राम पंचायत स्तर पर खुली बैठक कर कोटा संचालक समूह का चयन किया जाएगा। इसके इतर समूह भी प्रतिभाग कर सकेंगे। जिस वर्ग के लिए कोटा आरक्षित है उस समूह में आरक्षित श्रेणी की महिला का होना जरूरी होगी।
वर्जन
समूह की महिलाओं को रोजगार देने के लिए यह नई योजना है। इसके जरिए वह सभी सशक्तीकरण की दिशा में बढ़ेंगी।
जितेंद्र मिश्र, उपायुक्त एनआरएलएम