Move to Jagran APP

स्वावलंबन के कपड़े से बन रहा आजीविका का डोरमैट

लॉकडाउन में पुराने कपड़ों से सिखा रहीं घरेलू सामान बनाना।

By JagranEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 10:43 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 06:09 AM (IST)
स्वावलंबन के कपड़े से बन रहा आजीविका का डोरमैट
स्वावलंबन के कपड़े से बन रहा आजीविका का डोरमैट

सुलतानपुर : कोरोना लॉकडाउन का आधी आबादी भी फायदा उठाने में पीछे नहीं है। गुजरात के खादीकला के हुनरमंदों से सीखकर क्षेत्र की दर्जनों महिलाएं खाली समय मिला तो घरों के फटे पुराने कपड़ों से घरेलू उपयोगी चीजें बनाकर उनमें जान डाल रही हैं। यही नहीं पास-पड़ोस की युवतियों व महिलाओं को भी गुजराती हुनर सिखाकर उनको भी घरेलू डोरमैट, पायदान, फूड ट्रे कवर सहित अन्य चीजें बनाने की ज्ञान बांट रही हैं।

loksabha election banner

विकास खंड के हनुमानगंज की सरिता देवी की देवरानी व बुआ गुजरात के अंकलेश्वर में रहती हैं जहां महिलाएं घरों में खादी के कपड़ों और पुराने रद्दी कपड़ों से गृहोपयोगी सामान बनाती हैं। साल भर पहले बुआ आशा तिवारी व देवरानी खुशी गांव आई तो सरिता ने उनसे सामान बनाने का हुनर सीखा। लॉकडाउन में अपने घर पर खाली समय मिला तो वह इससे सामान बनाने लगी। यही नहीं खाली समय में शारीरिक दूरी का पालन करते हुऐ वे आसपास के गांव अभियाखुर्द, बरुई, अलीपुर व सकवा गांवों रीना गुप्ता, शिवानी, स्वाती, प्रियंका गुप्ता, ज्योति, शीला देवी को भी आकर्षक रंगबिरंगी डिजाइनों में डोरमैट, पायदान, फूड थाल कवर व ट्रे कवर बनाना सिखा रही हैं। -बाजारों में बेचकर आत्मनिर्भर बनने का भी अवसर

पुराने कपड़ों से बने गृह उपयोगी ये सामान रोजाना इस्तेमाल होते हैं, जिनकी हर घरों को जरूरत है। ऐसे में घर बैठकर निर्माण कर लॉकडाउन में इन सामानों को बेचकर महिलाएं आत्मनिर्भरता के साथ आíथक रूप से भी सुदृढ़ हो सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.