सीडब्लूसी-प्रोवेशन की जांच बनेगी मुकदमे का आधार
दुष्कर्म पीड़िता का बचा बेचने के मामले में कार्रवाई तक पहुंची पुलिस की जांच
जीतेंद्र श्रीवास्तव, सुलतानपुर: दुष्कर्म पीड़िता किशोरी का बच्चा बेचने के मामले में अब मुकदमा दर्ज करने की तैयारी चल रही है। कार्रवाई के लिए पुलिस सीडब्लूसी व प्रोवेशन विभाग के काउंसलर द्वारा कराई गई जांच को रिपोर्ट का आधार बनाएगी। पुलिस अब तक हुई जांच को सुबूत के तौर पर एकत्र करने में जुटी है।
अनुसूचित जनजाति की गर्भवती किशोरी को सेहत का ख्याल रखने के लिए घर से बुलाकर चाइल्ड लाइन के परियोजना निदेशक संदीप वर्मा ने वालंटियर तारा शुक्ला के घर देवलपुर गांव भेजा था। यहां कई महीने तक उसे नौकरानी की तरह रखा गया। इस दौरान उसके मां-बाप को धमकी देकर रुपये भी वसूले गए। फिर साकेत अस्पताल में फर्जी नाम से किशोरी का प्रसव कराया और उसका नवजात दूसरे को सौंप दिया गया। प्रोवेशन महकमे की काउंसलर गीता वर्मा को पूछताछ में किशोरी व उसकी मां ने सारी दास्तां बताई। तब पता चला कि पीड़िता का बच्चा बेच दिया गया है।
सामाजिक कार्यकर्ता अर्चना पाल को पीड़िता व उसके पड़ोसियों ने भी चाइल्ड लाइन कर्मियों द्वारा प्रसव के बाद बच्चा गायब कर देने की बात बताई। बाल संरक्षण अधिकारी रुपाली सिंह ने भी कमोवेश यही रिपोर्ट दी है। बाल कल्याण समिति (सीडब्लूसी) के सदस्यों (मजिस्ट्रेट) को भी पीड़िता व उसकी मां ने पूछताछ में यही बात बताई है, लेकिन अपनी पूछताछ पर विश्वास करने के बजाय सीडब्लूसी ने पुलिस से जांच कराने का आदेश दिया। पता चला है कि प्रोवेशन व सीडब्लूसी अफसरों द्वारा की गई जांच को ही पुलिस आधार बनाकर मुकदमा दर्ज करना चाहती है। इसीलिए रिपोर्ट देने वाले की तलाश भी शुरू कर दी गई है।
देरी पर गोसाईगंज पुलिस से मांगा जवाब:
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष आरपी शुक्ला ने बताया कि बाल संरक्षण अधिकारी की जांच आख्या मिल गई है। गोसाईगंज थाने की रिपोर्ट में देरी पर नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही जल्द जांच आख्या प्रेषित करने को कहा गया है।