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वीडियो निगरानी टीम का गठन

टीम का सहयोग करने के लिए भी अलग से कर्मचारी रखे गए रिजर्व

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 10:40 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 10:40 PM (IST)
वीडियो निगरानी टीम का गठन
वीडियो निगरानी टीम का गठन

सुलतानपुर: चुनाव प्रचार के दौरान आचार संहिता उल्लंघन पर नजर रखने के लिए सभी विधानसभा क्षेत्र में वीडियो अवलोकन, वीडियो निगरानी व स्थाई निगरानी टीम का गठन किया गया है। इस टीम का सहयोग करने को अलग से कर्मचारियों को रिजर्व रखा गया है।

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उप जिला निर्वाचन अधिकारी बी प्रसाद ने बताया कि कोविड गाइड लाइन के तहत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देशों के तहत चुनाव प्रचार की अनुमति प्रदान की जाएगी। आचार संहिता का उल्लंघन करने पर वीडियो अवलोकन टीम द्वारा जांच पड़ताल की जाएगी। यह टीम बनाए जाने वाले मंच का आकार, टेंट, कुर्सी, वाहनों का पंजीकरण, बैनर-पोस्टर का आकार आदि पर खर्च होने वाली धनराशि आदि की जांच करेगी। टीम की ओर से प्रेषित की जाने वाली रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की रूपरेखा तय की जाएगी।

इसौली से नलकूप खंड के सहायक अभियंता विकास चौधरी को वीडियो अवलोकन टीम का प्रभारी बनाया गया है। सुलतानपुर के लिए पीएमजीएसवाइ के सहायक अभियंता राहुल सोनी, सदर नलकूप खंड के अवर अभियंता कृष्ण शरण यादव, लम्भुआ से अवर अभियंता विकास प्रजापति को टीम का प्रभारी बनाया गया है।

वहीं, अमिलिया सिकरा स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय माडल इंटर कालेज की प्रवक्ता प्रियंका सिंह, रामकली बालिका इंटर कालेज की सहायक अध्यापक रुचि खरे, जीआइसी के सहायक अध्यापक अनुपम भारती, केशकुमारी जीजीआइसी की प्रवक्ता डा. दीपा द्विवेदी को रिजर्व रखा गया है। प्रभारियों के सहयोग के लिए भी दो-दो कर्मचारी दिए गए हैं। पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता समृद्ध शुक्ल को सुरक्षित सीट कादीपुर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सभी ब्लाकों में वीडियो निगरानी टीम व प्रभारियों की भी नियुक्ति की गई है। थानावार स्थाई निगरानी टीमों के जरिए भी नजर रखी जाएगी। इसमें सिचाई, पीडब्ल्यूडी के अवर अभियंताओं को जिम्मेदारी दी गई है।

मतदाता पहचानपत्र न होने पर भी डाल सकेंगे वोट

सुलतानपुर: विधानसभा चुनाव में मतदाता पहचान पत्र न होने के बाद भी वोट डालने से वंचित नहीं रखा जाएगा। इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से पहचान पत्र के रूप में 12 अभिलेखों के विकल्प दिए हैं। इनमें से कोई भी अभिलेख दिखाकर अपने मताधिकार का आसानी से प्रयोग किया जा सकता है। पहचान पत्र के तौर पर मान्य किए गए अभिलेखों में कोई अभिलेख जो कि मुखिया के नाम का है, वह परिवार के सदस्यों की पहचान भी कर सकेगा। हालांकि, सभी सदस्यों को एक साथ मतदान केंद्र पर पहुंचना होगा।

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ये हैं पहचान के लिए 12 अभिलेख

-आधार कार्ड

-ड्राइविंग लाइसेंस

--आयकर पहचान पत्र (पैन कार्ड)

-बैंक या डाकघर की फोटोयुक्त पासबुक

-फोटोयुक्त दिव्यांग व पेंशन प्रमाण पत्र

-फोटोयुक्त मनरेगा जाब कार्ड

-श्रम विभाग का बीमा स्मार्ट कार्ड

-सांसद और विधायकों को जारी पहचान पत्र

-सेवा पहचान पत्र

-स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड

-आरजीआइ द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड

-पासपोर्ट


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