स्वच्छता मणि बनकर रोजगार पाएंगे शहरी गरीब
पहले चरण में तकरीबन तीन सौ लोगों की तैनाती होगी।
सुलतानपुर : कचरा प्रबंधन के तहत कूड़े से खाद बनाने के लिए पारस केंद्र में कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए स्वच्छता मणि को नियुक्त किया जाएगा। इस कार्य में शहरी गरीबों को पहला अवसर मिलेगा। इसके बाद ग्रामीणांचल को शामिल को किया जाएगा। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) के निर्देश अनुपालन में बीते दो वर्ष से कचरा प्रबंधन के लिए निर्माणाधीन आधुनिक संयत्र अब बन कर तैयार है। पारस केंद्र में गीले कचरे से जैविक खाद बनाई जाएगी। वहीं ठोस कचरे की नीलामी किया जाएगा। केंद्र संचालन के लिए निजी फर्म से अनुबंध किया जा रहा है। केंद्र पर कचरे का प्रबंधन करने के लिए इच्छुक नगरीय निर्धनों को स्वच्छता मणि के रूप में नियोजित किया जाएगा। इन स्वच्छतामणि को निर्धारित मानक के अनुरूप मानदेय दिया जाएगा। बनाए गया पारस केंद्र 24 घंटे सक्रिया रहेगा। केंद्र पर पालियों में कार्य किया जाएगा। कर्मचारियों के विश्राम के लिए यहां कक्ष बनाए गए हैं।
प्रतिदिन निकलता है 53 एमटी कचरा :
शहर के 25 वार्ड से प्रतिदिन तकरीबन 53 एमटी (मीट्रिक टन) कचरा निकलता है। इसके निस्तारण के लिए पारस केंद्र पर कार्य करने के अतिरिक्त घरों और प्रतिष्ठानों से कूड़ा संग्रह के लिए पहले चरण में तीन सौ स्वच्छता मणि रखे जाएंगे। एक वार्ड में कम से कम पांच ऐसे लोग कचरा संग्रह के लिए होंगे। शेष केंद्र पर तैनात किए जाएंगे। अभी तक सौर मऊ में कचरा एकत्र किया जाता रहा है। जिला मुख्यालय से चार किमी दूर ट्रांसपोर्ट नगर में डंपिग स्थल बनाया गया है। यहां तैनात कर्मी कूड़े को विभाजित करेंगे। इसे सड़ा कर खाद बनाने का सयंत्र भी लगाया गया है। कूड़े में मिलने वाले लोहा, शीशा और प्लास्टिक को बेचा जाएगा। डंपिग स्थल पर संग्रहीत ठोस अपशिष्ट को वर्गीकृत गीला कूड़ा (बायोडिग्रेडिबल) सूखे कचरे (रिसाइकिलेबल) में वर्गीकृत किया जाएगा। स्वच्छता मिशन परियोजना की जिला प्रबंधक साधना सिंह ने कहा कि कई फर्मों से वार्ता अंतिम दौर में है। उम्मीद है 15 जनवरी के पहले पारस केंद्र सक्रिय कर दिया जाएगा।