जर्जर मार्गों पर अनियंत्रित गति बन रही हादसे का कारण
हाईवे के साथ-साथ धनपतगंज हैदरगंज बल्दीराय टांडा-बांदा समेत कई मार्गों पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है।
सुलतानपुर : हाईवे से लेकर नगर तक की प्रमुख सड़कों की हालत काफी जर्जर बनी हुई है, जो आए दिन हो रहे हादसों का सबब बन रही हैं। ओवरलोडिग व नियमों की अनदेखी इसका प्रमुख कारण है। आवाजाही में पेश आ रही दिक्कतों के कारण गंतव्य तक देरी होने की आशंका में लोग वाहनों की रफ्तार बढ़ा देते है, इससे दुर्घटना की संभावनाओं से इन्कार नहीं किया जा सका है।
सफर करना खतरे से खाली नहीं : हाईवे के साथ-साथ धनपतगंज, हैदरगंज, बल्दीराय, टांडा-बांदा समेत कई मार्गों पर सफर करना खतरे से खाली नहीं है। इन मार्गो पर बडे़ बड़े गड्ढे बने हुए हैं, जिनमें हर समय पानी भरा रहता है। इन मार्गो पर सर्वाधिक हादसे भी होते रहते हैं।
ओवरलोड वाहनों से दरक रही सड़कें : जिले में साल-दर-साल वाहनों की भीड़ बढ़ती जा रही है। प्रतिदिन तकरीबन 107 नई बाइक और सात कार के अतिरिक्त बड़े व्यवसायिक वाहन भी पंजीकृत हो रहे हैं। वर्ष भर में यह संख्या 32 से 35 हजार हो जा रही है। साढ़े चार लाख वाहन ऐसे हैं जिनका पंजीयन दस वर्ष से पुराना है और इन पर एचएसआरपी लगती है। किसान सहकारी चीनी मिलों का पेराई सत्र शुरू होने पर गन्ना लदे ओवरलोड ट्रक व टैक्टर-ट्रालियां सड़कों पर निकलते देखे जाना तो आम बात है। वहीं पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और सुलतानपुर-वाराणसी हाइवे के निर्माण के चलते क्षेत्र के संपर्क मार्ग डंपरों की आवाजाही से बेहद क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
सुस्त कार्रवाई से नहीं लागू हो रहे नियम : ओवर लोडिग और ओवर स्पीड वाहनों पर परिवहन व यातायात पुलिस की सुस्त कार्रवाई से दुर्घटनाओं पर रोक नहीं लग रही है। सड़के ऐसी है जिन पर ट्रक, डीसीएम तय मानक से कहीं अधिक सामानों का लाद कर बेरोकटोक आवाजाही करती हैं। सवारियों को लाने ले जाने में भी नियमों की अनदेखी की जाती है। ऐसे में ओवर लोडिग पर 20 हजार रुपये तक के अर्थदंड का नया नियम भी कारगर नहीं साबित हो रहा है।
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ओवर लोडिग व ओवर स्पीड पर माह वार हुई कार्रवाई माह चालान सीज हुए वाहन जनवरी 81 43 फरवरी 16 04 मार्च 92 26 जून 68 32 जुलाई 51 24 अगस्त 37 13 सितंबर 60 27 अक्टूबर 65 32 नोट :- अप्रैल व मई में लॉकडाउन के चलते चालान और सीज की कर्रवाई नहीं की गई।
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राजमार्गों पर मालवाहक वाहनों की ओवरलोडिग पर विभाग बेहद संजीदा है। इन पर चालान और सीज की कार्रवाई जाती है। इसके लिए समय-समय पर अभियान भी चलाया जाता है।
अखिलेश द्विवेदी, एआरटीओ प्रवर्तन