बरामदे में खेल रहे मासूम के अपहरण का प्रयास
ग्रामीणों ने किया पीछा तो बचे को फेंककर भाग निकला आरोपित अखंडनगर क्षेत्र की घटना पुलिस ने शुरू की छानबीन
सुलतानपुर: बरामदे में खेल रहे तीन साल के मासूम के अपहरण का प्रयास किया गया। पकड़े जाने के डर से आरोपित बच्चे को सुनसान स्थान पर फेंककर फरार हो गया। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। पुलिस ने मामले की छानबीन करने के साथ ही आरोपित की तलाश शुरू कर दी है।
बछेड़िया गांव निवासी विनोद पत्नी व तीन साल के पुत्र रूपेश के साथ रहते हैं। मंगलवार की शाम सात बजे उनकी पत्नी भीतर खाना बना रही थीं। बेटा बरामदे में खेल रहा था। इसी दौरान एक युवक आया, उसने आवाज दी। कुछ ही देर में जब गृहस्वामी की पत्नी घर से बाहर निकलीं तो बरामदे की लाइट बुझी थी और रूपेश को लेकर एक युवक भाग रहा है। शोर मचाने पर आसपास के लोग एकत्र हो गए। उन्होंने बच्चे को लेकर भाग रहे युवक का पीछा कर लिया। पकड़े जाने के डर से वह बच्चे को कपड़े में लपेटकर गांव से करीब सौ मीटर दूर सुनसान स्थान पर फेंककर फरार हो गया।
थाना प्रभारी कृष्ण मोहन सिंह ने बताया बच्चा सकुशल है। आरोपित की गिरफ्तारी के लिए सूचना प्रसारित की गई है। जल्द ही उसे पकड़ लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पूरे मामले की छानबीन भी की जा रही है। बच्चे का अपहरण करने के पीछे क्या वजह थी, इस बारे में भी पता लगाया जा रहा है।
दबंगों ने बंद किया रास्ता, थाने पहुंचीं महिलाएं
सुलतानपुर: उतुरी-तिवारीपुर गांव जाने वाले मुख्य मार्ग का खड़ंजा उखाड़कर दबंगों ने आवागमन अवरुद्ध कर दिया। इसके विरोध में बड़ी संख्या में महिलाएं थाने पहुंचीं और रास्ता खोले जाने की जिद पर अड़ गई।
आबादी की जमीन के बीच से रास्ता दो दशक पहले बनाया गया था। इससे गांव के लोगों का आवागमन होता है। आरोप है कि गांव के दबंगों ने कुछ महीने पहले मुख्य रास्ते का खडंजा उखाड़कर अतिक्रमण कर लिया। चार सितंबर को ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मिलकर मामले की शिकायत की थी। राजस्व कर्मी मौके पर गए, लेकिन मामला नहीं सुलझा।
मंगलवार को गांव के राममिलन, राजेश कुमार, संतोष तिवारी, शिवांश तिवारी, उमाशंकर, बैजनाथ, गुलाल, राहुल के साथ सुमन, रेखा, मालती, विनीता आदि महिलाएं थाने पहुंचीं। आवागमन बहाल कराने की मांग पर अड़ी रहीं। देहात कोतवाल गौरीशंकर पाल ने बताया कि राजस्व व पुलिस टीम को मौके पर भेजकर मामले का निस्तारण कराया जाएगा। इस आश्वासन पर ग्रामीण घर लौट गए।