डेढ़ घंटा में पूरा होगा लखनऊ तक का सफर
ट्रेनें 130 किलोमीट की रफ्तार से ट्रैक पर दौड़ेंगी। अत्याधुनिक पटरियां बिछाई जा रही हैं।
सुलतानपुर : आने वाले दिनों में सबकुछ ठीक-ठाक रहा तो लखनऊ-सुलतानपुर के बीच का रेल सफर डेढ़ घंटे में पूरा होगा। अभी यह सफर ढाई घंटे से अधिक समय में पूरा होता है। ट्रेनों को तेज रफ्तार से दौड़ाने की तैयारी है। इसके लिए मौजूदा ट्रैक को हाई स्पीड ट्रैक में तब्दील किया जा रहा है। कम घिसावट और भारी यातायात के मद्देनजर अतिविश्वसनीय आधुनिक पटरियों के बिछाए जाने की कवायद की जा रही है। इस अभियान के पूरा होने पर रेलगाड़ियों की अधिकतम रफ्तार 130 किमी प्रति घंटा होने की उम्मीद है। ऐसा होने पर सुलतानपुर से लखनऊ का तकरीबन 140 किलोमीटर का सफर सुपर फास्ट ट्रेन डेढ़ घंटे में पूरा कर लेगी। नए ट्रैक और स्लीपर का वजन पूर्व से आठ किलो ज्यादा है।
सुलतानपुर-लखनऊ रूट अति व्यस्त मार्गों में शामिल है। जम्मू, जालंधर, मुरादाबाद, बरेली, लखनऊ, सुलतानपुर, वाराणसी रेलखंड रेल भवन की सूची में वरीयता पर है। ऐसे इस ट्रैक को आधुनिक किया जा रहा है। ट्रैक पर रेलवे अब वजनदार 60 आर की अत्याधुनिक स्लीपर व पटरियों को बिछा रहा है। अभी तक इस पर पटरी 52 आर की पटरिया लगी हैं। पहले चारण में सुलतानपुर से निहालगढ़ तक पटरियों को बदला जा रहा है।
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यातायात का है भारी दबाव
ट्रेनों की बंदी से पूर्व सामान्य दिनों में इस ट्रैक पर 24 घंटे में तकरीबन 72 अप व डाउन रेलगाड़ियों व इतनी ही मालगाड़ियों की आवाजाही होती थी। जिनमें राजधानी सहित दो दर्जन सुपर फास्ट ट्रेनें भी है। दोहरे विद्युतीकरण वाला यह रूट लखनऊ को वाराणसी से जोड़ने का दो अन्य बाराबंकी-अयोध्या व रायबरेली-प्रतापगढ़ रूटों से छोटा और कम स्टापेज वाला है। ऐसे में ट्रेनों को कम ठहराव के साथ चलाने की सहूलियत मिलती है।
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बुलेट ट्रेन संचालन कॉरिडोर में शामिल हुआ रूट
बुलेट ट्रेन संचालन के लिए प्रस्तावित सात कॉरिडोर में दिल्ली से वाराणसी (865 किमी) का रूट वाया सुलतानपुर भी शामिल है। इस पर काम करने वाली राष्ट्रीय उच्च गति रेल निगम लिमिटेड सात कॉरिडोर का डीपीआर तैयार करने को कहा गया है। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के सहायक मंडल रेल प्रबंधक वीके पांडेय ने कहा कि मंडल के महत्वपूर्ण रेलखंडों के उच्चीकरण की कार्यायोजना पर काम चल रहा है। कॉरिडोर का चयन उच्चस्तरीय समिति ने किया है।