फसलों के लिए संजीवनी बन रही धूप, नुकसान से उबरने की जागी आस
मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान अब बरसात संभवत नहीं होगी। दलहनी और तिलहनी फसलों के खेतों से पानी एक-दो दिन में सूख जाएगा तो इन फसलों के पौधे मुरझाने से बच सकेंगे।
सुलतानपुर : बीते चार दिनों में हुई जोरदार बारिश से खेतों में गिरी धान की फसल के लिए शनिवार का दिन उम्मीद की किरण वाला साबित हुआ। सुबह से खिली तेज धूप से सिवान के पानी सूख रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम की बेरुखी बरकरार रहने से धान की फसल बरबादी की कगार पर पहुंच जाती। अब बारिश बंद होने और तेज धूप के खिलने से गिरी फसलों को उबरने में मदद मिलेगी। दलहनी और तिलहनी फसलों के खेतों से पानी एक-दो दिन में सूख जाएगा तो इन फसलों के पौधे मुरझाने से बच सकेंगे।
पौधों को मिलेगा पोषण : आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय, कुमारगंज अयोध्या के मृदा विज्ञान विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ आरआर सिंह ने कहा कि सूरज की रोशनी से पौधों को प्रकाश संश्लेषण में मदद मिलेगी। इस प्रक्रिया से पौधों को पोषण मिल सकेगा। धान की वह फसलें जो गिरने के बावजूद जड़ से जुड़ी हैं लगातार धूप पाने से उनके खड़ी होने की काफी उम्मीद है। बाली आ चुकी फसल भी बेहतर तापमान की धूप में विकसित हो सकेगी।
अब नहीं है बरसात की संभावना : कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिकों का पूर्वानुमान है कि आगामी दो दिनों में कहीं कहीं हल्की बदली और बूंदाबांदी की संभावना है। तेज वर्षा नहीं होगी तथा बदली के बीच तेज धूप और पश्चिमी दिशा की हवाएं चलेगी। शनिवार को जिले का अधिकतम तापमान 34 व न्यूनतम 24.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।