मिल बंदी के एलान से टूटी गन्ना किसानों की कमर
मिल प्रबंधन की गलत नीतियों के चलते हाईवे पर ट्रैक्टर-ट्राली लेकर खड़ा होना पड़ रहा है। गन्ना यार्ड में बमुश्किल 250 से 300 ट्रैक्टर ट्रालियों की जगह है। भारी इंडेंट कर देने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
सुलतानपुर : मिल बंदी के एलान ने गन्ना किसानों की चिताएं बढ़ा दी है। खेतों में जहां किसानों को खड़ा गन्ना सूख रहा है। वहीं आधी अधूरी लदी ट्रालियों में तौल कराने की होड़ मच गई है। मंगलवार को हालात यह हो गए कि सहकारी चीनी मिल के बाहर तौल कराने में जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई।
सड़क पर लगा गन्ना लदी ट्रालियों का तांता : मिल प्रबंधन की गलत नीतियों के चलते हाईवे पर ट्रैक्टर-ट्राली लेकर खड़ा होना पड़ रहा है। गन्ना यार्ड में बमुश्किल 250 से 300 ट्रैक्टर ट्रालियों की जगह है। भारी इंडेंट कर देने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। किसानों को एक-एक ट्राली की तौल कराने में पांच से छह दिन तक का समय लग रहा है, जिससे किसानों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं एडवांस टोकन जारी करने परेशानी और बढ़ गई है।
लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक आधी भी नहीं हुई पेराई : किसान सहकारी चीनी मिल का वर्ष 2021 का निर्धारित लक्ष्य 12.30 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई का रखा गया था। अभी तक पांच लाख नौ हजार 300 क्विटल गन्ने की पेराई ही हो सकी है। देखा जाए तो अभी पेराई का आधा लक्ष्य भी पूरा नहीं हुआ है और मिल को बंद करने का एलान कर दिया गया है।
एडवांस टोकन के खेल में गायब हो रही गन्ने की प्रजातियां : जिले की इकलौती किसान सहकारी चीनी मिल में पैसे के आगे गन्ने की प्रजातियां दब गई हैं। एडवांस टोकन के बदले किसानों से अतिरिक्त वसूली कर उनका टोकेन जारी कर दिया जा रहा है।
जिम्मेदारों की सुनिए : मिल प्रबंधक प्रताप नारायण ने बताया कि मिल परिसर में किसानों को समस्या न हो इसके लिए पीआडी जवान की तैनाती की गई है। टोकन काटने वाले संविदा कर्मियों की भी जांच करा कार्रवाई की जाएगी।
वहीं मुख्य गन्ना अधिकारी राधेश्याम पासवान ने बताया कि एडवांस टोकन के बाबत कोई जानकारी नहीं है। अगर ऐसी बात है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी।