गन्ने के खेत में आग बुझाते समय झुलसा किसान, मौत
55 वर्षीय मेवालाल पुत्र खेराई अकेले खेत में गन्ना छील रहा था। इसी बीच पीछे से गन्ने की फसल में आग लग गई। जब तक मेवालाल को आग लगने का अहसास हुआ तब तक आग खेत के तीन हिस्सों में फैल चुकी थी। फसल जलते देख मेवालाल पहले गमछे से आग बुझाने की कोशिश की।
सीतापुर : गन्ने की फसल में लगी आग को बुझाते-बुझाते अधेड़ किसान झुलकर खेत में ही गश खाकर गिर गया और उसकी मौत हो गई।
घटना रविवार दोपहर कमलापुर क्षेत्र के जगदीशपुर माजरा बरगदिया गांव की है। प्रधान प्रतिनिधि प्रेम प्रकाश ने बताया, उनके गांव की यह बड़ी घटना है। गांव का हर कोई दुखी है। मृतक के परिवार को ढाढस बंधाया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि दोपहर का वक्त हो गया था। खेत से मजदूर खाना खाने घर जा चुके थे। 55 वर्षीय मेवालाल पुत्र खेराई अकेले खेत में गन्ना छील रहा था। इसी बीच पीछे से गन्ने की फसल में आग लग गई। जब तक मेवालाल को आग लगने का अहसास हुआ तब तक आग खेत के तीन हिस्सों में फैल चुकी थी। फसल जलते देख मेवालाल पहले गमछे से आग बुझाने की कोशिश की। गमछा जल गया तो कमीज उतारकर उससे आग बुझाने लगा। आग की लपट से मेवालाल का शरीर झुलस गया और वह धुंआ के गुबार में गश खाकर गिर गया। दोपहर के डेढ़ बज गांव वाले खेत में धुंआ और आग देखकर दौड़े। गांव के कन्नू व रामसागर ने झुलस चुके मेवालाल खेत में अचेत देखा। आनन-फानन में उसे उठाकर निजी वाहन से सीएचसी कसमंडा ले गए, जहां डॉक्टरों ने मेवालाल को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के मुताबिक, अस्पताल आने से पौन घंटे पहले मेवालाल की मौत हो गई थी।
आग लगने का पता नहीं चला कारण : प्रधान प्रतिनिधि प्रेम प्रकाश ने बताया कि मृतक मेवालाल की गन्ने की फसल में आग लगने का कारण पता नहीं चल पाया है। फिलहाल, उसके चार बीघे गन्ने में दो बीघा फसल जल गई है। कमलापुर थानाध्यक्ष कृष्ण मोहन सिंह ने मेवालाल के शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
वहीं गांव वालों के मुताबिक, मृतक मेवालाल अपने दो भाइयों में बड़ा था। छोटा भाई केशन अपने परिवार के साथ अलग रहता था। मृतक के चार बच्चे हैं। इनमें दो बेटी व दो बेटे हैं। बड़ी बेटी व बेटे राकेश विवाहित हैं, जबकि छोटी बेटी व बेटा छोटा अविवाहित हैं।