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लीड - रोक के बाद भी खेतों में जल रही पराली, नौ पर मुकदमा

बीती शाम ग्रामीणों के माध्यम से हल्का लेखपाल कमलेश यादव को सूचना मिली कि उनके कार्यक्षेत्र में एक खेत में पराली को जलाकर प्रदूषण फैलाया जा रहा है। लेखपाल की जांच में मामला सही पाया गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 11:26 PM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 11:26 PM (IST)
लीड - रोक के बाद भी खेतों में जल रही पराली, नौ पर मुकदमा
लीड - रोक के बाद भी खेतों में जल रही पराली, नौ पर मुकदमा

सुलतानपुर : प्रतिबंध के बावजूद भी पराली जलाने के मामले लगातार बढ़ रहे है। प्रशासन की सख्ती भी किसानों में खौफ नहीं पैदा कर पा रही है। मंगलवार को बल्दीराय थानाक्षेत्र के बीही निदुरा गांव पराली जलाने का मामला सामने आया है। लेखपाल की तहरीर पर पुलिस ने किसान पर मुकदमे की कार्रवाई की है। अब तक थानाक्षेत्र सात मामले सामने आ चुके है।

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बीती शाम ग्रामीणों के माध्यम से हल्का लेखपाल कमलेश यादव को सूचना मिली कि उनके कार्यक्षेत्र में एक खेत में पराली को जलाकर प्रदूषण फैलाया जा रहा है। लेखपाल की जांच में मामला सही पाया गया है। मामले की रिपोर्ट एसडीएम राजेश कुमार को सौंपी गई है। थाना प्रभारी अमरेंद्र सिंह ने बताया कि एसडीएम के निर्देश पर थाने पहुंचकर लेखपाल आरोपित किसान दिनेश प्रताप सिंह के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया गया। वहीं धम्मौर थानाक्षेत्र के पलिया गांव में पराली जलाने पर दो किसान पर मुकदमा की कार्रवाई हो चुकी है।

उल्लंघन पर दंड का प्राविधान : फसलों के अवशिष्ट जलाने पर दोषी पाए गए व्यक्ति के खिलाफ कड़े दंडात्मक कानून भी बनाए गए हैं। दो एकड़ से कम पराली जलाने पर ढ़ाई हजार रुपये का जुर्माना, दो से पांच एकड़ पर पांच हजार रुपये व पांच एकड़ से अधिक पर 15000 रुपये का जुर्माना निर्धारित किया गया है। उच्चतम न्यायालय व राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने इसे दंडनीय कृत्य घोषित किया है। जुर्माना का दंड एक बार पराली जलाने पर है। दोबारा जलाने पर उस पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजे जाने का प्राविधान है। पराली के मामले को लेकर सरकार भी काफी गंभीर है।


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