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बूढ़े बरगद की छांव सहेजने को सामूहिक 'वन्दना'

जन आस्था का केंद्र बना पूर्वाचल एक्सप्रेसवे के किनारे स्थित सैकड़ों साल पुराना वट वृक्ष अधिकारियों और ग्रामीणों ने बड़ा मंगल पर किया पूजन सुंदरकांड का पाठ

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 11:28 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 11:28 PM (IST)
बूढ़े बरगद की छांव सहेजने को सामूहिक 'वन्दना'
बूढ़े बरगद की छांव सहेजने को सामूहिक 'वन्दना'

अजय सिंह, कुंवासी बड़ाडांड़, सुलतानपुर: बहुत पुराना बरगद का एक पेड़ था। उस पेड़ पर चिड़ियों की चहचहाहट गूंजती थी। उसके नीचे बैठकर शीतलता और सुकून मिलता था। ऐसी बातें अब सिर्फ किस्से-कहानियों में ही पढ़ने को मिलती हैं, लेकिन यहां तो सचमुच ऐसा देखने को मिलता है।

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बात हो रही है, लखनऊ-बलिया एक्सप्रेसवे के ठीक किनारे बल्दीराय तहसील के हलियापुर कस्बे के निकट स्थित सैंकड़ों वर्ष पुराने वट वृक्ष की। ऐसी ऐतिहासिक धरोहर को सहेजने के लिए उप जिलाधिकारी वन्दना पांडेय ने ग्रामीणों संग इसकी वंदना कर पूजन-अर्चन किया। इसके पीछे सोच इस विशालकाय वट वृक्ष का संरक्षण कर इस स्थान को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए। महिला अधिकारी की यह अनूठी पहल से जन आस्था भी बढ़ रही है।

ज्येष्ठ मास के प्रथम मंगल (बड़ा मंगल) की सुबह यहां अधिकारियों और ग्रामीणों ने पूजन किया। इसके बाद सुंदरकांड का पाठ हुआ। करीब 50 मीटर के दायरे में फैले इस वट वृक्ष की शीतलता और प्राचीनता का अनुभव यहां मौजूद हर कोई कर रहा था। धूप और उमस के बावजूद पेड़ की छांव हर किसी को सुकून पहुंचा रही थी। कोई वृक्ष की परिक्रमा कर रहा था तो कोई श्रद्धा से शीश झुकाकर अपनी आस्था प्रकट करता दिखा। बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी मौजूद रहे।

400 वर्ष पुराना है वट वृक्ष, दो बार लगता मेला

लखनऊ-बलिया एक्सप्रेसवे के ठीक किनारे यह वट वृक्ष बल्दीराय तहसील के हलियापुर कस्बे के पास है। चार जुलाई 2021 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां पूजा-अर्चना कर पौधरोपण भी किया था। मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र भी कुछ दिनों पहले ही यहां आए थे।

बड़ाडांड़ निवासी 76 वर्षीय मंशाराम व ताड़कनाथ तिवारी कहते हैं कि वट वृक्ष लगभग 400 वर्ष पुराना है। महानंदा वीर बूढ़े बाबा के नाम से यह प्रसिद्ध है। यहां वर्ष में दो बार दुर्गा अष्टमी पर मेला लगता है। मनोकामना पूर्ण होने पर लोग अक्सर पूजन के लिए आते हैं।

-यह वट वृक्ष धरोहर है। मुख्य सचिव के निर्देशन में उक्त स्थल को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किए जाने की दिशा में कोशिश चल रही है। इसके लिए करीब सौ बीघा भूमि की जरूरत है। कुछ लोग जमीन देने को तैयार हो गए हैं। अन्य ग्रामीणों व किसानों से बेहतर तालमेल बनाने की दिशा में सामूहिक पूजन किया गया। डीएम रवीश गुप्ता के मार्गदर्शन का नतीजा है कि जनजुड़ाव बढ़ रहा है।

-वन्दना पांडेय, उप जिलाधिकारी बल्दीराय


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