विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी, रोगी किए जाते रेफर
नौ चिकित्सकों की तैनाती फिर भी एक साथ नहीं बैठते चिकित्सक सप्ताह में एक बार आती हैं महिला चिकित्सक
सुलतानपुर: लगभग चार दशक पूर्व 25 दिसंबर 1982 को सीएचसी की स्थापना हुई थी। तीन जिलों की सीमा पर स्थित इस अस्पताल में प्रतिदिन गैर जिलों से भी मरीज उपचार के लिए आते हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती न होने से अधिकांश मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। महिला चिकित्सक की तैनाती तो है, लेकिन वह भी सप्ताह में केवल एक दिन आती हैं। दैनिक जागरण टीम ने गुरुवार को पड़ताल की तो स्याह तस्वीर सामने आई। प्रस्तुत है प्रदीप दुबे की रिपोर्ट.. स्थान-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दोस्तपुर
समय-सुबह 10.20 मिनट
केंद्र अधीक्षक अजीत सिंह व डा. आज्ञाराम यादव मरीजों को देखते मिले, बाकी सभी चिकित्सकों की कुर्सी खाली थी। महिला चिकित्सक भी नदारद थीं। एक्सरे रूम में ताला लटक रहा था। वार्ड ब्वाय के दो पद हैं, लेकिन खाली हैं। चतुर्थ श्रेणी का कोई भी कर्मी यहां तैनात नहीं है। इससे परिसर की सफाई व्यवस्था बेपटरी है।
मौजूद लोगों ने बताया कि महिला, बाल रोग, आर्थो सर्जन आदि रोगों के विशेषज्ञ चिकित्सक न होने की वजह से अस्पताल में मरीज भर्ती नहीं होते हैं। उन्हें जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया जाता है। ऐसा तब है जबकि अस्पताल में आपरेशन थियेटर, लैब, एक्सरे की सुविधा है।
यह हो तो बने बात
स्वास्थ्य केंद्र में विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ सीटी स्कैन, दंत एक्सरे, ब्लड बैंक, अल्ट्रासाउंड, ईसीजी की सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। ये सभी महंगी जांचें अस्पताल में उपलब्ध न होने के कारण मरीजों को निजी चिकित्सालय जाना मजबूरी है।
स्टाफ नर्स के भरोसे प्रसव:
सीएचसी में तैनात महिला चिकित्सक आस्था त्रिपाठी केवल गुरुवार को आती हैं। बिना किसी चिकित्सक के देखरेख में स्टाफ नर्स के भरोसे यहां महिलाओं का प्रसव कराया जाता है। गंभीर स्थिति में तत्काल रेफर कर दिया जाता है।
इन चिकित्सकों की है तैनाती:
अधीक्षक डा. अजीत सिंह यादव सहित डा. आज्ञाराम यादव, डा. हेमंत वर्मा, डा. नौशाद, डा. राम अनुज, डा. रविन्द्र कुमार डा.रिजवान, डा. आस्था त्रिपाठी, डा. अमित कौशिक की तैनाती है।
वर्जन::
चिकित्सक मिल जाएं तो मरीजों को रेफर करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। सर्जन एक दिन के लिए सीएचसी पर आते हैं। अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की कमी है। इसके लिए कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर जानकारी दी है।
-डा. अजीत सिंह यादव, अधीक्षक