दो करोड़ से संवारी जाएगी सीताकुंड घाट की तस्वीर
सिचाई विभाग नदी धारा से जुड़े कार्य तथा आधुनिक तट निर्माण के लिए तकरीबन एक वर्ष पूर्व ही सर्वे आदि काम कर चुका है।
गोपाल पांडेय, सुलतानपुर
शहर के पौराणिक सीताकुंड घाट सहित इस पूरे तट क्षेत्र के दिन बहुरने वाले हैं। धारा से सटी तट की सीढि़यों के निर्माण के साथ दक्षिणी दिशा में बाल उद्यान की स्थापना की जाएगी। सिचाई विभाग नदी धारा से जुड़े कार्य तथा आधुनिक तट निर्माण के लिए तकरीबन एक वर्ष पूर्व ही सर्वे आदि काम कर चुका है। इन कामों के पूरा होने से आदि गंगा गोमती के इस धार्मिक और पौराणिक महत्व के घाट का कायाकल्प हो जाने की उम्मीद है।
जिलें की सीमा में तकरीबन 209 किमी प्रवाहित गोमती नदी के कई तट बेहद महत्वपूर्ण हैं, लेकिन अधिकतर उपेक्षित हैं। सीताकुंड घाट जिला मुख्यालय का ऐसा तट हैं जहां स्नान के हर पर्व पर श्रद्धालु बड़ी संख्या में गोमती में डुबकी लगाते हैं। इस तट पर स्नाना करने वालों के लिए मूलभूत सुविधाएं तक नहीं हैं। एक वर्ष पूर्व सिचाई विभाग ने ड्रोन कैमरे के जरिए तट क्षेत्र की तस्वीरें लेकर इसके विकास की रूपरेखा खीची तो लोगों में आशा जगी कि अब सीढि़यों पर बैठ कर आदि गंगा में स्नान की सुविधा मिल सकेगी।
बजट व अधिकार क्षेत्र में रहा गतिरोध : नदी धारा और इससे तट पर निर्माण का अधिकार सिचाई विभाग को है। वहीं तट के शेष हस्से पर नगर पालिका अपनी दावेदारी रखता है। ऐसे में निर्माण कार्य शुरू होने में देरी हुई। सिचाई विभाग ने कार्य शुरू करने के लिए परिषद से डिपाजिट पे(धनराशि देने) का प्रस्ताव रखा। नगर परिषद ने बजट का प्रबंध गोमती रीवर फ्रंट कोष से कराने का प्रस्ताव रखा है। अधिशाषी अभियंता सिचाई विभाग पंकज गौतम ने कहा कि बजट स्वीकृत होते ही पुराना प्लान फिर से रिवाइज कर लिया जाएगा।
जल्द बनेगा पार्क : सीताकुंड घाट से सट कर दक्षिणी तट पर तकरीबन तीन हेक्टेयर क्षेत्रफल में अमृत योजना के तहत आधुनिक सुविधाओं वाला बाल उद्यान विकसित किए जाने की तैयारी की गई है। जमीन की पैमाइश आदि का काम पूरा हो गया है। नपा अध्यक्ष बबिता जायसवाल ने कहा कि जमीन पर आंशिक दावेदारी लेकर कुछ लोग विधिक प्रक्रिया में हैं। निर्णय होते ही काम शुरू करा दिया जाएगा।