धुरंधर धराशायी, कुछ ने बचाई लाज
सपा के लम्भुआ विधानसभा अध्यक्ष नन्हें राम निषाद भी अपनी सीट नहीं बचा पाए।
विवेक बरनवाल, सुलतानपुर
लगातार 40 घंटे की मतगणना के बाद गांव के जनप्रतिनिधियों की तस्वीर साफ हुई है। इसमें कई धुरंधर धराशायी हो गए। मतदाताओं ने उनकी जगह कई नए चेहरों को मौका दिया है। घाटमपुर उत्तरी में लगातार पांच पंचवर्षीय तक ग्राम प्रधान रहे गेंदराज दूबे ने महिला सीट से अपनी अनुज बधू सुनीता दूबे को प्रत्याशी बनाया था, मगर इस बार भाजपा नेता अशोक कुमार त्रिपाठी की पत्नी शशिप्रभा ने जीत हासिल की है।
सपा के लम्भुआ विधानसभा अध्यक्ष नन्हें राम निषाद भी अपनी सीट नहीं बचा पाए और सन्तोष कुमार अग्रहरि ने उन्हें 331 मतों से शिकस्त दी है। मदनपुर पनियार के ग्राम प्रधान पद पर अशोक कुमार मौर्य 2010 व उनकी पत्नी अंजू मौर्य 2015 में विजयी हुई थी। इस बार अनारक्षित सीट पर गांव के कृष्ण लाल मिश्र विजयी हुए हैं। सबसुखपुर सीट पर लगातार दो पंचवर्षीय कार्यकाल बिता चुके अरविन्द पाठक को भी इस शिकस्त खानी पड़ी है। भतेड़ा से कमलेश वर्मा भी लगातार दो बार से काबिज रहे। इस बार गांव के राम सूरत भार्गव ने उन्हें शिकस्त दी।
इसी तरह से दूल्हापुर की चर्चित सीट से उच्च शिक्षित कैलाश दूबे ने निवर्तमान प्रधान पुष्पा शुक्ल के पति राम प्रसाद शुक्ल को शिकस्त देकर जीत हासिल की है। देवरी से दीपिका सिंह पर भरोसा जताया है, जबकि नरायनपुर से कदम लाल सोनी पहली बार निर्वाचित हुए हैं। बहमरपुर के ग्राम प्रधान प्रसून मालवीय ने लगातार तीसरी बार विजय हासिल की है। बेलाही गांव में संजय मिश्र ने भी लगातार तीसरी बार अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखी है। जमखुरी गांव में तीसरी बार परिवार के बेटे उमेश त्रिपाठी निर्वाचित हुए हैं।
दिग्गज चित, युवाओं ने रचा इतिहास :
भदैंया विकास खंड में तीन पंचायतों में जिले की बड़ी अंतर की जीत दर्ज की गई है। केनौरा ग्राम पंचायत में मनीय यादव ने 693 के बड़े अंतर से रिकार्ड जीत दर्ज कर प्रधान बने हैं। हनुमानगंज पंचायत में पहली बार चुनावी मैदान में उतरे सूरज सिह ने 504 वोटों से जीत हासिल की है। जिले की दूसरी सबसे बड़ी ग्राम पंचायत भदैंया में प्रेमा देवी ने 670 वोट से जीत का रिकार्ड बनाने में सफल रही है। गोपालपुर मे सौरेश मौर्या ने दशक भर से सिटिग प्रधान को 369 मतों से हराकर ब्लाक की चौथी बड़ी जीत दर्ज की।