2017 के चुनाव में खूब उड़ी थीं आचार संहिता की धज्जियां, 39 मामले दर्ज
कोरोना की बंदिशों का असर इस बार अब तक मात्र तीन मामले हुए पंजीकृत
सुलतानपुर: 2017 में हुए विधानसभा के चुनाव में नेताओं ने आचार संहिता की जमकर धज्जियां उड़ाई थीं। इस कारण 39 मामले दर्ज किए गए थे। इस बार अब तक महज तीन केस दर्ज हुए। माना जा रहा है की यह कोरोना को लेकर लागू पाबंदियों का असर है।
जिले में 1,297 मतदान केंद्र व 2,244 मतदेय स्थल बनाए गए हैं। 18 लाख से अधिक मतदाताओं को शत-प्रतिशत वोट डलवाने के लिए सभी उपायों को अमल में लाया जा रहा है। शांति व्यवस्था कायम रखने व निष्पक्ष मतदान के लिए गश्त बढ़ाकर आम जनमानस को सुरक्षा का अहसास भी कराया जा रहा है।
2017 में रैली, पदयात्रा, नुक्कड़ नाटक, रैली व जनसभाओं के आयोजन हुए थे। प्रचार में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में आचार संहिता का उल्लंघन भी खूब किया गया। चुनाव तिथि तक कुल 39 केस दर्ज किए गए थे। एसपी डा. विपिन कुमार मिश्र ने बताया कि इस बार मोतिगरपुर, जयसिंहपुर व कुड़वार में अब तक एक-एक एफआइआर दर्ज हुई है।
39 गांव, चार माफिया चिन्हित
चुनाव में अवैध शराब के कारोबार और तस्करी को लेकर आबकारी विभाग अलर्ट है। विभाग के अनुसार गोमती नदी के तराई क्षेत्रों में कुल 39 गांव ऐसे हैं, जहां कच्ची शराब बनाने का काम हो रहा। इन गांवों पर नजर रखने के लिए तहसीलवार निरीक्षकों के नेतृत्व में टीमों को लगाया गया है।
आबकारी निरीक्षक डा. महेंद्र प्रताप वर्मा ने बताया कि शराब माफिया के रूप में कादीपुर क्षेत्र के इंद्रजीत उर्फ बड़कऊ, बब्लू, सुरजीत व पंकज को चिन्हित किया गया है। पूर्व में गिरफ्तार शराब माफिया की गतिविधियों पर नजर बनी हुई है।