अब सड़क फरार्टा भर र्घटनाग्रस्त रेलवे ट्रैक पहुंचेगी रेलवे की क्रेन
लखनऊ-वाराणसी रेलखंड हनुमानगंज व बंधुआ रेलवे ट्रैक पर आरसीआरवी का सफल ट्रायल हुआ।
शिवशंकर पांडेय, भदैंया (सुलतानपुर)
अगर आपको सड़क पर दौड़ने वाली क्रेन रेलवे ट्रैक पर फर्राटा भरते दिखाई दे तो आप आश्चर्य में न आइएगा। क्योंकि अब नयी आरसीआरवी वाहन (रोड कम रेलवे वेहिकिल) सड़क मार्ग से होकर जल्द ही दुर्घटनाग्रस्त रेलवे ट्रैक पर पहुंचकर मदद करेगी। लखनऊ-वाराणसी रेलखंड पर हनुमानगंज व बंधुआ रेलवे ट्रैक पर इसका सफल ट्रायल किया गया। रेलवे से मंजूरी मिलने के बाद एक वाहन सुलतानपुर जंक्शन को भी दिया जाएगा।
रेलवे नित नई तकनीकि की खोज कर यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं देने के साथ ही संकट काल में शीघ्र मदद के लिए भी प्रयासरत है। गुरुवार को पखरौली रेलवे स्टेशन के पास रेलवे का दुर्घटना रिलीव वाहन की बारह चक्कों की क्रेन युक्त ट्रक सड़क से फरार्टा भरते हुए अचानक लखनऊ-वाराणसी रेलवे ट्रैक पर दौड़ने लगी। गेटमैन ने रेलवे क्रासिग बंद कर दी इसी बीच रिमझिम बरसात शुरू हो गयी और अचानक रेलवे केबिन के पास आधा दर्जन इंजीनियरों व रेलवे स्टेशन के कभी भी पहुंच गये। विद्युतीकृत अप व डाउन दोनों रेलवे ट्रैक पर इसका सफल परीक्षण किया गया। इसके बाद रिलीफ वाहन लखनऊ की ओर रवाना हो गया।
क्या है आरसीआरवी वाहन : यह आरसीआरवी वाहन जिसे इमरजेंसी में रेलवे ट्रैक पर दुर्घटनाग्रस्त होने, पेड़ गिरने व ट्रेनों के दुर्घटना होने पर सड़क मार्ग से शीघ्र चलकर मौके पर पहुंचने की व्यवस्था है। अभी तक इसका उपयोग जंगल, वन व पहाड़ी क्षेत्र में अधिक होता है। स्टेशन अधीक्षक पखरौली आएस भारती ने बताया कि इससे कम खर्च में व कम समय में रेलवे ट्रैक साफ व आवागमन लायक बनाने में मदद मिलेगी। इसके लिए रेलवे ट्रैक पर पहुंचने को कम से कम आठ फिट चौड़ी सड़क का होना आवश्यक है। हाईवे की रेलवे क्रॉसिग से इसे आराम से सड़क से रेलवे ट्रैक पर ले जाया जा सकता है।
हुआ सफल ट्रायल : सहायक मंडल अभियंता मंगल यादव ने बताया कि वाहन द्वारा बंधुआ व हनुमानगंज में सफल ट्रालय किया गया है। इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी गई है। सब कुछ सही रहा तो एक वाहन जंक्शन में भी उपलब्ध रहेगा।