गले नहीं, दिल मिलाकर बांटी गईं ईद की खुशियां
सुलतानपुर जान और जहान की चिता के साथ इस बार ईद का त्योहार अलग तरीके से मनाया गया। रोज
सुलतानपुर: जान और जहान की चिता के साथ इस बार ईद का त्योहार अलग तरीके से मनाया गया। रोजेदारों द्वारा गले मिलने की बजाय दिल मिलाकर एक दूसरे से खुशियां बांटते हुए अमन चैन की दुआ मांगी गई। शारीरिक दूरी बनाकर घरों में ही नमाज पढ़ने व अन्य क्रियाकलापों के लिए सरकारी निर्देश का पालन किया गया। रोजेदारों द्वारा कोरोना को भगाने के लिए दुआएं भी मांगी गई।
मंगलवार को ईद की सुबह से ही घर-घर सेवईं खाने व एक दूसरे को बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया। मिलने जुलने की बजाय लोग सोशल मीडिया के जरिए भी अपने चहेतों को बधाई संदेश देते रहे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए सोमवार को डीएम सी इंदुमती और शिवहरि मीणा ने भी क्षेत्र का दौरा किया और लोगों से अपने घरों में ही नमाज पढ़ने व त्योहार मनाने की अपील की थी।
-जरूरतमंदों की मदद को बढ़े हाथ
लॉकडाउन के दौरान उपजे आíथक संकट के बीच लोगों की ईद खराब न हो इसका भी ध्यान रखा गया। लोगों द्वारा जरूरतमंद पड़ोसियों की हर संभव मदद की गई। कपड़े दान किए गए तो कई जगह चीनी व अन्य खाद्य सामग्री भी लोगों के घर तक पहुंचाई गई।
जबरन पढ़वाई नमाज, मुकदमा
रोक के बावजूद भी धम्मौर थाना क्षेत्र के मुडुई गांव में लखनऊ-वाराणसी राजमार्ग स्थित डेराबस्सी ढाबा संचालक मोहम्मद इस्माइल द्वारा जबरन भीड़ इकट्ठा कर मौलाना से ईद की नमाज पढ़वाई गई। थानाध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि ढाबा संचालक के खिलाफ लॉकडाउन उल्लंघन का मुकदमा दर्जकर किया गया है।