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ऑनलाइन शिक्षा : कितनी सुविधा, कितनी समस्या

ऑनलाइन शिक्षा ने खत्म किया वास्तविक कक्षा का उत्साह

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 10:44 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 10:44 PM (IST)
ऑनलाइन शिक्षा : कितनी सुविधा, कितनी समस्या

वास्तविक कक्षा में जो उत्साह का वातावरण होता है, ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था में इसका अभाव होता है। यहां शिक्षक और छात्र एक दूसरे से केवल एक ही विषय पर चर्चा कर सकते है। इसके अलावा इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे सिरदर्द, आंखों का कमजोर होना और एकाग्रता में कमी आना इत्यादि का खतरा भी बढ़ जाता है। देखा जाए तो अभी हमारे शिक्षण संस्थानों में इसका चलन ना के बराबर है। यहां पारंपरिक व प्रत्यक्ष शिक्षा व्यवस्था प्रचलित रही है, जिसमें गुरू और शिष्य कक्षा में उपस्थित होते हैं। अध्यापन का कार्य शिक्षक मौखिक रूप से या फिर ब्लैक बोर्ड से करते हैं और विद्यार्थियों को नोट्स दिए जाते हैं। इससे बच्चों को बताई गई बातें जल्द समझ में आती हैं। ऑनलाइन व्यवस्था तात्कालिक जतन है, जिससे काम ही चलाया जा रहा है। ऑनलाइन शिक्षण में अन्य व्यावहारिक बाधाएं भी हैं। जैसे शिक्षकों और विद्यार्थियों के पास स्मार्ट फोन, कंप्यूटर, लैपटॉप की सुविधा न होना। इंटरनेट, ब्रॉडबैंड के साथ-साथ ऑनलाइन शैक्षिक टूल्स की जानकारी न होना, पुस्तकालयों का डिजिटल न होना, ई-कंटेंट का उपलब्ध न होना आदि शामिल हैं।

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आशुतोष यादव, शिक्षक

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छात्र की राय

पठन पाठन की ऑनलाइन विधा से विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इसके तहत ऑफलाइन शिक्षा के मुकाबले कम समय के लिए शिक्षा प्रदान करता है। सिर्फ एक तरफा पढ़ाने की व्यवस्था होने से जिज्ञासाएं शांत नहीं हो पाती हैं। कक्षाओं में पठन पाठन से नैतिक शिक्षा अवरुद्ध हो गई है। आमने-सामने पढ़ने से शिक्षकों की बॉडी लैंग्वेज भी छात्रों को कई तरह का ज्ञान देती है। ऑनलाइन शिक्षा एक उबाऊ व्यवस्था बनकर रह गई है। स्वास्थ्य पर पड़ रहे असर से कोर्स न पूरा होने के साथ ही सेहत जैसी समस्या की दोहरी मार भी झेलनी पड़ रही है।

सानिध्यराज सिंह, छात्र

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अभिभावक की राय

ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था से आर्थिक रूप से कमजोर अभिभावकों को अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा है। महंगे उपकरण खरीद पाना सबके साम‌र्थ्य की बात नहीं है। एक बारगी समय की मांग को देखते हुए कंप्यूटर, लैपटॉप इत्यादि संसाधन खरीद भी लिया जाए तो भी तमाम समस्याएं हैं, जिनकी वजह से पढ़ाई करना सरल नहीं है। महामारी के इस दौर में शुरू की गई इस अध्यापन विधा का तात्कालिक फायदा तो है लेकिन परिणाम बेहतर हो इसकी गारंटी नहीं है। सरकार को तकनीकी सुविधाओं के जरिए क्लास चलाने के लिए मूलभूत चीजों की बहाली व उसके प्रबंध पर ध्यान देने की जरूरत है।

विजय प्रताप सिंह, अभिभावक


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