Move to Jagran APP

अदालत न आए कुमार विश्वास तो जारी होगा गिरफ्तारी का वारंट

अमेठी जिला मुख्यालय पर बिना अनुमति लिए जनसभा करने पर गौरीगंज के तत्कालीन कोतवाल ने कुमार विश्वास दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल सहित सात लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया था।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 12:26 AM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 12:26 AM (IST)
अदालत न आए कुमार विश्वास तो जारी होगा गिरफ्तारी का वारंट
अदालत न आए कुमार विश्वास तो जारी होगा गिरफ्तारी का वारंट

सुलतानपुर : बिना अनुमति जनसभा करने के मुकदमे में आरोपित कवि कुमार विश्वास के खिलाफ एमपीएमएलए कोर्ट से जमानती वारंट जारी है। उनके अधिवक्ता ने वकालतनामा दाखिल किया, लेकिन विशेष जज ने साफ कर दिया है कि वह नहीं आए तो गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया जाएगा।

loksabha election banner

अमेठी जिला मुख्यालय पर बिना अनुमति लिए जनसभा करने पर गौरीगंज के तत्कालीन कोतवाल ने कुमार विश्वास, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविद केजरीवाल सहित सात लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें आचार संहिता व मार्ग जाम करने का आरोप लगाया गया था। मामले में सीएम केजरीवाल के कोर्ट में हाजिर होने पर सुप्रीमकोर्ट ने रोक लगाई है, लेकिन आरोप तय होने में देरी के मद्देनजर विशेष जज पीके जयंत ने पिछली पेशी पर कुमार विश्वास के खिलाफ बीडब्ल्यू (जमानती वारंट) जारी करने का आदेश दे दिया था। बुधवार को मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई तो अधिवक्ता एमपी त्रिपाठी ने विश्वास की ओर से वकालतनामा कोर्ट में प्रस्तुत किया। साथ ही उत्पीड़नात्मक कार्यवाही न किये जाने की अर्जी दी। इस पर जज ने कहा कि बिना आरोपित के कोर्ट में समर्पण किए पुराना आदेश निरस्त नहीं किया जा सकता। वहीं स्पष्ट किया कि अग्रिम पेशियों पर न हाजिर होने पर गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जा सकता है। मुकदमे की अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी। पढ़ें अन्य खबरें..

एमपी-एमएलए कोर्ट में दर्ज हुआ आप सांसद का बयान

सुलतानपुर : एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में बुधवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्य सभा सांसद सहित तीन आरोपितों का बयान दर्ज किया गया।

13 साल पहले सदर तहसील के रजिस्ट्री दफ्तर में कर्मचारी से मारपीट व सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने की एफआईआर दर्ज कराया गया था, जिसका विचारण स्पेशल जज पीके जयंत कर रहे हैं। अभियोजन के मुताबिक वर्ष 2007 में संजय सिंह अपने भाई का कुछ आवश्यक कार्य करवाने सदर तहसील के निबंधक कार्यालय गए थे। वहां तैनात कर्मचारी राम सागर से विवाद हो गया। मामला इतना बढ़ा कि मारपीट होने लगी। बाद में रामसागर ने अनुसूचित जाति उत्पीड़न, मारपीट सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने के संबंध में संजय सिंह, अनिल द्विवेदी व आशुतोष की खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। इसी घटना से जुड़े मुकदमे की सुनवाई विशेष अदालत में चल रही है। बुधवार को अधिवक्ता रुद्र प्रताप सिंह मदन के साथ सभी आरोपित अदालत में पेश हुए। अभियोजन का साक्ष्य समाप्त होने के बाद आरोपितों के बयान दर्ज किए गए। 24 सितंबर की तिथि आरोपितों को सफाई के साक्ष्य देने को नियत किया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.