साइकिल से प्रचार कर बाबू जी बने थे विधायक
भदैंया (सुलतानपुर) अब चुनाव में धनबल व बाहुबल का इस्तेमाल हो रहा। धनाड्य लोगों को ज्यादातर प
भदैंया (सुलतानपुर) : अब चुनाव में धनबल व बाहुबल का इस्तेमाल हो रहा। धनाड्य लोगों को ज्यादातर पार्टियां टिकट दे रही हैं। पहले मेहनती व समाजसेवी लोगों को मौका मिलता था और क्षेत्र की जनता उनको विधायक चुनती थी। यह कहना है कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व दो बार विधायक रहे उमादत्त के इकलौते पुत्र पखरौली निवासी बैजनाथ शर्मा का।
शर्मा बताते हैं कि 70 साल पहले 1952 में कांग्रेस से संबंध तोड़ पिताजी ने निर्दलीय चुनाव लड़ा। उस समय वह साइकिल से प्रचार करते थे। चालीस से साठ लोग उनके साथ जाते थे। रास्ते में दोपहर के लिए चबैना होता था और शाम को घर पर भोजन बनता था। भोजन मां राजरानी देवी स्वयं बनाती थीं। सभी कार्यकर्ता भोजन कर घर जाते थे। उस समय एक वाहन पर लाउडस्पीकर लगाकर प्रचार किया जाता था। 1962 व 1967 में जब बाबू जी विधायक बने थे, तब भी उनके पास गाड़ी नहीं थी। उनके साथी व बभनगवां के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पं. चंद्रबली पाठक अपने रिक्शा बग्घी से उनको लेकर शहर जाते थे। पार्टी कार्यकर्ता गांवों के कच्चे व खराब रास्तों पर पैदल प्रचार करते थे। उस समय विधायक निधि भी नहीं थी। पहली बार 1952 में चुनाव निशान रेल का इंजन था। कार्यकर्ता दुद्धी और कोयले से दीवार पर निशान बनाकर प्रचार करते थे।
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27 जनवरी से पीठासीन अधिकारियों को मिलेगा प्रशिक्षण
सुलतानपुर: विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 27 जनवरी से केंद्रीय विद्यालय अमहट में पीठासीन अधिकारियों का प्रशिक्षण शुरू होगा। यह 29 जनवरी तक चलेगा। 25 कक्षों के लिए तीन-तीन ईवीएम उपलब्ध कराई गई हैं। मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स ने इसके लिए विभागवार जिम्मेदारी सौंपी है।
प्रशिक्षण दो पालियों में सुबह दस से दोपहर एक बजे व दोपहर दो बजे से पांच बजे के बीच होगा। पीडब्ल्यूडी खंड तीन के अधिशासी अभियंता को टेंट, कुर्सी, कैंटीन आदि व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई है। स्वास्थ्य विभाग को पीपीई किट, थर्मल स्कैनर, ग्लब्स, सैनिटाइजर की व्यवस्था करनी है। नगर पालिका को सफाई, सैनिटाइजेशन व पानी के लिए टैंकर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक एसआइ, पांच सिपाही व पांच होमगार्ड भी तैनात रहेंगे।