मध्याह्न भोजन योजना के चूल्हे पर महंगाई की आंच
प्रधानाध्यापकों के लिए एमडीएम का संचालन बना मुसीबत
सुलतानपुर: मध्याह्न भोजन योजना (एमडीएम) महंगाई की मार से प्रभावित हो रही है। खाद्य पदार्थो के दाम बढ़ने से नौनिहालों को दिए जाने वाले खाद्यान्न में पौष्टिक तत्वों की कमी साफ देखी जा रही है। तकनीकी त्रुटियों व विभाग में आपसी तालमेल के अभाव में भी कई विद्यालयों में तय मानक के अनुरूप योजना नहीं चल पा रही है। दैनिक जागरण ने गुरुवार को विद्यालयों की पड़ताल की तो यह स्थिति उभरकर सामने आई। प्रस्तुत है रिपोर्ट..
समय: सुबह 10:45 बजे
उच्चतर प्राथमिक विद्यालय की छत हुई जर्जर
उच्च प्राथमिक विद्यालय धम्मौर में कुल पंजीकृत 204 में 132 बच्चे उपस्थित रहे। मेन्यू के मुताबिक दाल रोटी बच्चों को खिलाया गया। विद्यालय की छत बरसात में टपकती है। पंखे खराब हो गए हैं। प्रधानाध्यापक रमेश तिवारी ने बताया कि जर्जर छत से पानी टपकने की सूचना खंड शिक्षा अधिकारी व विकास खंड अधिकारी को दिया गया है। समय: सुबह 11:00 बजे
छात्रों की उपस्थिति रही कम
जयसिंहपुर के प्राथमिक विद्यालय सदरपुर द्वितीय में बच्चों को भोजन में सब्जी रोटी दिया गया। यहां पंजीकृत कुल 80 में से 60 बच्चे उपस्थित मिले। सहायक अध्यापक उमेश कुमार वर्मा, रसोइया प्रभावती व शिवकुमारी उपस्थित रहीं। महंगाई के कारण एमडीएम संचालन में आ रही परेशानी बताई गई। दोस्तपुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय तिन्दौली में 78 में से 45 बच्चे उपस्थित थे। प्रधानाध्यापक राम बहादुर ने बताया कि एमडीएम की कन्वर्जन कास्ट कई माह से नहीं बढ़ी है, जबकि खाद्य सामग्रियों व सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं।
समय: सुबह 10:00 बजे
एमडीएम में बनी दाल-रोटी
कंपोजिट विद्यालय कूरेभार द्वितीय में 289 बच्चे पंजीकृत है। विद्यालय में रंगाई-पुताई की स्थिति सामान्य है। प्रधानाचार्य ललिता देवी ने बताया कि महंगाई के कारण एमडीएम संचालन में काफी समस्या आ रही है। दूध, फल का वितरण संभव नहीं हो पाता है।
वर्जन:::
एमडीएम की कन्वर्जन कास्ट कई साल से नहीं बढ़ाई गई है। महंगाई आसमान छू रही है। एमडीएम बनाने में आने वाली कमियों को दूर कराया जाएगा।
-दीवान सिंह, बीएसए ये हैं आंकड़े:
2,195 विद्यालयों में संचालित हो रहा एमडीएम
2,064 परिषदीय विद्यालय हैं शामिल
69 इंटरमीडिएट कालेज में केवल छह से आठ तक शामिल
55 एडेड जूनियर हाईस्कूल में पकाया जा रहा भोजन
07 मदरसा भी योजना से आच्छादित है
2,91,176 छात्र-छात्राओं हो रहे लाभांवित
6,119 रसोइयों को पकाने का जिम्मा